अलीगढ़ शराब कांड का मुख्य आरोपी भाजपा से बाहर, रासुका भी लगेगा


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। जिले में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में हुई मौतों के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं, पुलिस ने मामले के पांच प्रमुख आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) तथा गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऋषि शर्मा भाजपा का सदस्य था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे पार्टी से निकाल दिया गया है। 

भाजपा द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक पार्टी जिलाध्यक्ष ऋषि पाल सिंह ने शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रविवार को अलीगढ़-बुलंदशहर की सीमा से गिरफ्तार किए गए ऋषि शर्मा से पूछताछ शुरू कर दी गई है और ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही शराब माफिया का पूरा नेटवर्क सामने आ जाएगा। उसका नेटवर्क उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के छह राज्यों तक फैला बताया जाता है। 

सूत्रों के अनुसार ऋषि हापुड़ जिले के नजदीक गढ़मुक्तेश्वर इलाके में स्थित एक आश्रम में साधु के वेश में छिपा हुआ था। पुलिस को एक वीडियो फुटेज के जरिए उसके ठिकाने के बारे में मालूम हुआ था। पुलिस ने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश तथा कुछ अन्य राज्यों में शर्मा के साथियों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। बाद में, पुलिस को पता चला कि ऋषि शर्मा गढ़मुक्तेश्वर आश्रम में छिपा हुआ है। पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही वह भाग चुका था। मगर कुछ मुखबिरों की मदद से अलीगढ़-बुलंदशहर सीमा से रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने सोमवार को बताया कि मामले के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा समेत पांच प्रमुख आरोपियों के खिलाफ रासुका तथा गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गौरतलब है कि अलीगढ़ के टप्पल और अकराबाद थाना क्षेत्र में गत 28 मई से शुरू हुआ जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा। प्रशासन ने इसमें अब तक 35 लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। 

इसके अलावा गत दो जून को जवां थाना क्षेत्र में भी नहर में फेंकी गई शराब पीने से 10 ईंट भट्ठा मजदूरों की मौत हो गई थी। इस तरह जिले में जहरीली शराब से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 45 हो गया है। हालांकि, संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने के कारण मरे 98 लोगों का अब तक पोस्टमॉर्टम कराया जा चुका है। प्रशासन का मानना है कि 35 के अतिरिक्त जिन लोगों का भी पोस्टमॉर्टम हुआ है, उनकी विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही माना जाएगा कि उनकी मृत्यु जहरीली शराब पीने से हुई है या नहीं।  

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