चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के अलावा अन्य कारणों से भी अनाथ हुए बच्चों को हम भटकने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। समाज के साथ मिलकर सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा, आश्रय, आहार और जीवनयापन की सम्पूर्ण व्यवस्था करेगी। इसके लिए हम एक योजना बना रहे हैं।’’
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण जिन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है, उन्हें तत्काल सहायता उपलब्ध कराने और उनके गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह के लिए प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना’ 30 मई को शुरू की है। इस योजना में बच्चों को 5,000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता, नि:शुल्क राशन और बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
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