भारतीय-अमेरिकी रसायनशास्त्री सुमिता मित्रा ने जीता ‘यूरोपियन इन्वेंटर अवार्ड'



नैनो प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से दांतों को और मजबूत बनाने के लिये किया काम
लंदन।  भारतीय-अमेरिकी रसायनशास्त्री सुमिता मित्रा ने यूरोप में नवोन्मेष के लिये दिए जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक जीता है। यह पुरस्कार उन्हें नैनो प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से दांतों को और मजबूत बनाने के लिये उनके द्वारा किये गए काम को लेकर दिया गया। उनके द्वारा बताई गई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल अब दुनियाभर के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। मित्रा ने “गैर-यूरोपीय पेटेंट ऑफिस देशों” की श्रेणी में यूरोपियन इंवेंटर अवॉर्ड 2021 जीता। यूरोपीय पेटेंट ऑफिस (ईपीओ) ने एक बयान में कहा कि इस अनुसंधान में पाया गया कि नैनोक्लस्टर का इस्तेमाल दांतों के लिये किया जा सकता है और इसके फलस्वरूप एक मजबूत, टिकाऊ और देखने में सुखद एहसास वाली फिलिंग (दांतों के बीच छेद या गड्ढों को भरने के लिये इस्तेमाल होने वाला पदार्थ) मिली। इसमें कहा गया कि उनके द्वारा तैयार सामग्री से कई तरह की मुश्किलें दूर होंगी जो पहले दांतों की ‘फिलिंग' करते वक्त आती थीं जैसे या तो वे बहुत कमजोर होती थीं और इसकी वजह से दांतों से कुछ काटना मुश्किल था और साथ ही उनकी चमक भी जल्द ही फीकी पड़ जाती थी। बयान में कहा गया कि उनके द्वारा बनाई गई इस तकनीक का इस्तेमाल दुनिया भर में एक अरब से लोगों के दांतों के उपचार में सफलतापूर्वक किया जा चुका है। अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी 3एम के ‘ओरल केयर डिविजन' (मुंह की देखभाल संबंधी इकाई) में काम करते हुए मित्रा ने पहले मौजूद तकनीक के विकल्प की तलाश का संकल्प लिया। मित्रा के इस नई तकनीक से तैयार फिलर ‘फिल्टेक टीएम सुप्रीम' का वाणिज्यिक उपयोग 3एम द्वारा 2002 में शुरू किया गया था।

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