सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2022: विशेष मूल्यांकन योजना के तहत शिक्षण सत्र को दो हिस्सों में बांटा


पहले टर्म (अवधि) की परीक्षा नवंबर-दिसंबर, 2021 में होगी जबकि 
दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल, 2022 में 

नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 10वीं और 12वीं की अगले साल की बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष मूल्यांकन योजना की सोमवार को घोषणा की और शिक्षण सत्र को दो हिस्सों में बांट दिया।

बोर्ड ने 2021-22 शिक्षण सत्र के पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और आंतरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट आदि को अधिक ‘‘विश्वसनीय’’ और ‘वैध’ बनाने संबंधी योजना की भी घोषणा की है।

सीबीएसई के निदेशक (शिक्षण) जोसेफ इमैनुएल द्वारा जारी सरकारी आदेश के अनुसार, पहले टर्म (अवधि) की परीक्षा नवंबर-दिसंबर, 2021 में होगी जबकि दूसरे टर्म की परीक्षा मार्च-अप्रैल, 2022 में होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षण सत्र 2021-22 के लिए पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत तरीके से दो टर्म में बांटा जाएगा, इसके लिए विषयों के विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी।’’

बोर्ड परीक्षा 2021-22 के पाठ्यक्रम को जुलाई 2021 में अधिसूचित अंतिम शिक्षण सत्र के लिहाज से युक्तिसंगत बनाया जाएगा।

पहले टर्म के अंत में बोर्ड नवंबर-दिसंबर, 2021 में चार से आठ सप्ताह की समय सीमा में देश-विदेश में स्थित स्कूलों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करेगा।

इमैनुएल ने कहा, ‘‘इन परीक्षाओं में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न (एमसीक्यू) होंगे, ये एमसीक्यू घटना आधारित और अन्य प्रकार के हो सकते हैं। परीक्षा का समय 90 मिनट का होगा और पहले टर्म में सिर्फ युक्तिसंगत पाठ्यक्रम से ही सवाल किए जाएंगे। प्रश्नपत्र और मूल्यांकन की योजना सीबीएसई द्वारा स्कूलों को भेजी जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षाएं बाहर से आए परीक्षकों और सीबीएसई द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की निगरानी में होंगी। विद्यार्थी प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर भरेंगे। इन शीट को स्कैन करने के बाद सीधे-सीधे सीबीएसई की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है, या फिर उनकी जांच करने के बाद विद्यार्थियों को मिले अंक की सूचना स्कूल द्वारा उसी दिन अपलोड कर दी जाएगी।’’

दूसरे टर्म के अंत में बोर्ड युक्तिसंगत पाठ्यक्रम के आधार पर टर्म दो या सत्रांत परीक्षा का आयोजन करेगा।

इमैनुएल ने बताया, ‘‘यह परीक्षा मार्च-अप्रैल 2022 में बोर्ड द्वारा तय परीक्षा केन्द्रों पर होगी। परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी और उसमें विभिन्न प्रकार के प्रश्न (लघु, विस्तृत आदि) शामिल होंगे।’’

उन्होंने बताया, ‘‘अगर हालात ऐसी परीक्षा कराने योग्य नहीं होते हैं तो दूसरे टर्म के अंत में भी एमसीक्यू आधारित परीक्षा करायी जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पाठ्य्रकम को दो हिस्सों में बांटे जाने के आधार पर प्रत्येक टर्म के अंत में बोर्ड परीक्षाएं कराएगा। शिक्षण सत्र के अंत में बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराने की संभावनाओं को बढ़ाने के लक्ष्य से ऐसा किया गया है।’’

इमैनुएल ने कहा, ‘‘आंतरिक मूल्यांकन, प्रायोगिक, परियोजना कार्यों को अधिक विश्वसनीय और दिशा-निर्देशों के अनुसार वैध बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे और निष्पक्ष तरीके से अंक दिए जाने के लिए बोर्ड द्वारा नीति की घोषणा की जाएगी।’’

बोर्ड द्वारा यह योजना कोविड-19 महामारी की वजह से लाई गई है जिसके कारण पिछले साल कुछ विषयों की बोर्ड परीक्षा और इस वर्ष संपूर्ण बोर्ड परीक्षा को रद्द करना पड़ा है।

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