बालाघाट : पिंङदान के लिए छिंङलई गई बच्ची की पानी में डूबने से मौत

रेत माफिया की लापरवाही ने ले ली मासूम की जान : मधु भगत               
परसवाड़ा/चरेगांव/बालाघाट/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। पिंडदान करने परिजनो के साथ छिंडलई घाट गई हुई 12 वर्षीय बालिका की घाट के पानी से भरे गहरे गङ्ढे में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार 20 जुलाई दिन मंगलवार को चरेगांव निवासी अनूप यादव परिजनों सहित पिंङदान करने छिंडलई घाट गये थे। इस दौरान अनूप यादव की 12 वर्षीय पुत्री माही यादव का अचानक पैर फिसलने से वह पानी से भरे गहरे गङ्ढे में डूबने से मौत हो गई। रेत खनन के कारण हुए 20 फ़ीट गहरे गढ्ढे में पानी भर गया थ। परिजनों ने उसे निकालने का प्रयास किया परन्तु पानी की गहराई का अंदाजा परिजन लगाते उससे पहले ही बालिका डूब चुकी थी। सूचना पर पहुंची लालबर्रा पुलिस द्वारा शव को गहरे पानी से निकाला गया और कार्यवाही कर शव को पोस्टमार्टम के लिए लालबर्रा अस्पताल भिजवाया गया। यहाँ के लोगों का कहना है कि छिंडलई में रेत खनन के कारण जगह-जगह लगभग 20-20 फ़ीट के गड्ढे हो गये हैं जिनमें पानी भरा है। जिससे गड्ढों की गहराई का भी अंदाजा नहीं  लगाया जा सकता है। इसी गहराई के कारण बालिका  की पानी से भरे गहरे गङ्ढे में डूबने से मौत हो गई है। बहरहाल लालबर्रा पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है । मौके पर पहुंचे पूर्व परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने बताया कि मंगलवार लगभग 2 बजे की यह  घटना है।  मुझे घटना के आधे घंटे पश्चात सूचना मिली की 12 वर्ष की बालिका माही यादव पिता अनूप यादव निवासी चरेगांव, जिसकी नदी में डूबने से मौत हो गई है।  मेरे अनेक बार कहने के पश्चात भी प्रशासन नहीं जागा और रेत का इतना उत्खनन किया गया है कि बरसात में भी यहां जगह.जगह गड्ढे बन गए है। डंपर खड़े हैं, रेत डंप है और अभी भी रेत यहां पड़ी हुई है। यहां के ग्रामीण कह रहे हैं कि हर घाट में गड्ढे ही गड्ढे हैं। रेत माफिया के रेत उत्खनन के चलते यह घटना घटी है और यह उत्खनन के कारण हुई हत्या है ना की आकस्मिक मौत।  आज बालिका की मौत हुई है यहां पर घाटमें रेत होता तो बालिका की मौत नहीं होती, यहां उत्खनन के कारण 20-20 फ़ीट के गड्ढे हो गए है। जिसकी वजह से बालिका की आज जान चली गई है। इस ह्रदय विदारक घटना से शासन और प्रशासन को सबक लेना चाहिए। इन घाटों का शीघ्र निर्माण किया जाना चाहिए और ग्रामीणों की व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। चाहे वह पिंडदान करने आए या अंत्येष्टि के लिए हैं उनकी व्यवस्था की जानी चाहिए। इस मामले पर लालबर्रा के नगर निरीक्षक रघुनाथ खातरकर का कहना है कि 12 वर्षीय माही यादव परिवार के साथ पिंङदान करने छिदलई गई हुई थी जिसकी पानी मे डूबने से मौत हो गई है। बच्ची शव निकालकर पंचनामा कार्यवाही कर शव पीएम कर शव  परिजनों को सौंप दिया गया है । विवेचना की जा रही है !

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