बिहार : हंगामेदार हो सकता है विधानमंडल का मानसून सत्र


पटना/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से 30 जुलाई तक चलेगा। इस बार का सत्र कोरोना संक्रमण को देखते हुए बेहद संक्षिप्‍त सत्र में केवल 5 बैठकों की योजना है। इस दौरान सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है। राज्‍य में कोरोना काल के दौरान चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था, तीसरी लहर को लेकर तैयारी, युवाओं को रोजगार, जातिगत जनगणना, बाढ़, आपराधिक घटनाओं में बढोतरी जैसे कई मुद्दों पर विपक्ष प्रमुखता के साथ सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

सत्र को लेकर विधानमंडल में विशेष रूप से विधायकों के साथ बैठक बुलाई गई थी ताकि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जा सके। पिछली बार बजट सत्र के दौरान विधानसभा में कई बार अप्रिय माहौल बना था। विधानसभा अध्‍यक्ष को विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के आरोप भी झेलने पड़े थे। दोनों खेमों में तालमेल बनाकर सदन चलाने में इस बार भी विधानसभा अध्‍यक्ष को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल सत्ता पक्ष और विपक्ष में राजनीतिक बयानबाजी का दौर तेज हो चुका है। इसे सामान्‍य करने की कोशिश की जा सकती है। 

विधायकों की पिटाई का मामला 
विधानसभा में विधायकों की पिटाई पर हुई कार्रवाई को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि केवल ’आईवॉश’ किया गया है। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई कर उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। इस मामले में बडे़ अधिकारियों को बचाने का काम किया गया है। 

उन्होंने कहा कि नालंदा मॉडल के अधिकारी एवं सफेद दाढ़ी बाल वाले एमएलसी संपर्क में थे। विधायकों की पिटाई कराने में यह लोग शामिल हैं। सभी लोगों ने उनके द्वारा विधायकों की पिटाई करवाई गई। इसका फुटेज भी हमारे पास है। इस घटना में 50 से 100 पुलिसकर्मी और अधिकारी मौजूद थे, लेकिन सिर्फ दो पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करना केवल आईवॉश है। तेजस्वी ने कहा कि दो सिपाहियों पर कार्रवाई कर आईवॉश से काम नहीं चलने वाला। 

उन्होंने कहा कि बडे़ अधिकारियों की विधायकों की पिटाई में भूमिका थी, जबकि बलि का बकरा तलाशते हुए दो सिपाहियों के ऊपर कार्रवाई कर दी गई। यह सब नहीं चलने वाला है।

जातीय जनगणना पर सवाल 
वहीं जातीय जनगणना की मांग पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा और आरएसएस के सामने बोल नहीं सकते हैं। केंद्र के सहयोगी दल के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। यदि केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं कराती है तो उन्हें अपने खर्च पर कराना चाहिए। 

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना की मांग कर दिखावा ना करें। वह सरकार के अंग हैं और भाजपा के साथ मिलकर अगर सरकार चला रहे हैं तो उन्हें जातीय जनगणना सुनिश्चित करनी चाहिए। उधर, पेट्रोल डीजल के दाम पर गौर नहीं करने के मुख्यमंत्री के बयान पर उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी केंद्र से तीन गुनी हो गई है। बिहार सबसे अधिक कोरोना वैक्सीन बर्बाद करनेवाला राज्य बन गया है, लेकिन उनको कोई जानकारी नहीं है।

Post a Comment

और नया पुराने