राफेल विमान सौदे में कथित ‘भ्रष्टाचार' के मामले में फ्रांस ने न्यायिक जांच शुरू की : फ्रांसीसी मीडिया


नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। भारत के साथ 5900 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में कथित ‘भ्रष्टाचार और लाभ पहुंचाने' के मामले में फ्रांस के एक न्यायाधीश को ‘बहुत संवेदशील' न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फ्रांस की समाचार वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट' ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। 

रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह सामने आएं और ‘राफेल घोटाले' की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने का आदेश दें। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘फ्रांस में जो ताजे खुलासे हुए हैं, उनसे साबित होता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ। कांग्रेस और राहुल गांधी की बात सही साबित हुई। अब यह घोटाला सबके सामने आ चुका है।' 

बहरहाल, इस मामले पर सरकार या भाजपा की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ‘मीडिया पार्ट' के अनुसार, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर जांच गत 14 जून को औपचारिक रूप से आरंभ हुई। इस सौदे पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे। इस वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत को 36 राफेल विमान बेचने के लिए 2016 में हुए 7.8 अरब यूरो के सौदे को लेकर फ्रांस में संदिग्ध भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच आरंभ हुई है।' 

उसने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक कार्यालय (पीएनएफ) की ओर से जांच की पहल की गई है। सौदे में कथित अनियमितताओं को लेकर अप्रैल में ‘मीडिया पार्ट' की एक रिपोर्ट सामने आने और फ्रांसीसी एनजीओ ‘शेरपा' की ओर शिकायत दर्ज कराने के बाद पीएनएफ की ओर से जांच का आदेश दिया गया है।

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