काबुल हवाईअड्डे पर दो आत्मघाती हमलों में 95 अफगान नागरिकों, 13 अमेरिकी जवानों की मौत

काबुल। अफगानिस्तान में दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों द्वारा काबुल हवाई अड्डे के पास किए गए हमलों में कम से कम 95 अफगान नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि हवाईअड्डे पर हुए आत्मघाती हमलों के बाद घटनास्थल से कम से कम 95 अफगानों के शव निकाले गये।

अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों की वापसी के अभियान की निगरानी कर रहे जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि इन हमलों के बाद भी अमेरिका अपने नागरिकों एवं अन्य को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और अफगानिस्तान से बाहर जाने के इच्छुक लोगों को लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल किए जा रहे हैं। करीब 5,000 लोग हवाई अड्डे पर उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं। 

काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी के अभियान के बीच पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने हमले की आशंका जतायी थी और लोगों से हवाई अड्डे से दूर रहने की अपील की थी, लेकिन अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान के क्रूर शासन की आशंका के चलते देश छोड़ने को आतुर लोगों ने इस परामर्श को नजरअंदाज किया। इस बारे में सतर्क किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हमला हुआ। इस्लामिक स्टेट समूह ने अपने ‘अमाक' समाचार चैनल पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। 

आईएस से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह तालिबान से कहीं अधिक कट्टरपंथी है। ऐसा माना जा रहा है कि तालिबान इन हमलों में शामिल नहीं है और उसने हमलों की निंदा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल में हुए हमलों में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘‘ हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे।''

बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘‘ इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा...।''

बाइडन ने कहा, ‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, जिन आतंकवादी हमलों के बारे में हम बात कर रहे थे और जिनके बारे में खुफिया तंत्र चिंतित था, उसे आईएसआईएस-के नामक संगठन ने अंजाम दिया। उन्होंने हवाई अड्डे पर तैनात अमेरिकी सेवा के सदस्यों की जान ली और कई को गंभीर रूप से घायल भी कर दिया। उन्होंने कई असैन्य लोगों की भी जान ली और कई को घायल भी किया।'' 

बाइडन ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों को आईएसआईएस-के के ठिकानों, नेतृत्व और केंद्रों पर हमला करने की योजना तैयार करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि काबुल में निकासी अभियान को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए वह अब भी प्रतिबद्ध हैं।

अमेरिका के अधिकारियों ने शुरुआत में बताया था कि हमले में नौसेना का एक चिकित्साकर्मी और 11 अमेरिकी नौसैनिक मारे गए हैं। एक और अमेरिकी सैन्यकर्मी ने बाद में दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने बताया कि हमले में 18 और सेवारत कर्मी घायल हुए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। 

जानकारी के मुताबिक, एक हमलावर ने उन लोगों को निशाना बनाकर हमला किया जो गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक पानी वाली नहर में खड़े थे और इस दौरान शव पानी में बिखर गए। ऐसे लोग जोकि कुछ देर पहले तक विमान में सवार होकर निकलने की उम्मीद कर रहे थे वो घायलों को एंबुलेंस में ले जाते देखे गए। उनके कपड़े खून से सन गए थे।

 दूसरा धमाका होटल बारोन के पास हुआ जहां अफगान, ब्रिटिश और अमेरिकी नागरिकों समेत अन्य लोग एकत्र थे, जिन्हें देश छोड़ने के लिए हवाई अड्डे पर जाने से पहले हाल के दिनों में यहां ठहराया गया था। बाद में कुछ और धमाकों की आवाजें भी सुनी गईं, लेकिन तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी बलों ने उनके उपकरणों को नष्ट करने के लिए कुछ विस्फोट किए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हमले को बर्बर करार देते हुए कहा कि निकासी अभियान तेजी से जारी रखने की जरूरत है। 

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि कुछ घंटे पहले हुए धमाकों के कारण काबुल हवाई अड्डे के पास हालात गंभीर रूप से बिगड़े हैं। आयरलैंड के डबलिन में अपने दौरे के दौरान एक प्रेसवार्ता में मैक्रों ने कहा, '' हम एक अत्यंत तनावपूर्ण स्थिति का सामना कर रहे हैं, ऐसे में हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों के साथ समन्वय करना चाहिए। हवाई अड्डे पर हालात अनुकूल रहने तक फ्रांस अपने नागरिकों, अन्य सहयोगी देशों के लोगों और अफगानों को निकालना जारी रखेगा।''

इस बीच, अमरिकी विदेश मंत्री ने बुधवार को कहा कि ऐसा समझा जा रहा है कि अफगानिस्तान में अब भी करीब 1,500 अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने इनमें से 500 लोगों को बाहर निकाल लिए जाने की पुष्टि की है। इस घटनाक्रम से पहले, ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की ‘बहुत विश्वसनीय' खुफिया रिपोर्ट है।

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