नई दिल्ली/देहरादून/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। कांग्रेस पार्टी ने पंजाब सीएम कै. अमरेंद्र सिंह का समर्थन करते हुए कहा है कि पार्टी अगला चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ेगी। राज्य में पार्टी प्रभारी हरीश रावत ने ये बयान दिया है। पंजाब में पार्टी प्रभारी रावत ने कहा कि हम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में 2022 का पंजाब चुनाव लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के खिलाफ बगावती रुख अपनाने के एक दिन बाद चार कैबिनेट मंत्री बुधवार को देहरादून में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत से मुलाकात करने गये।
सूत्रों ने बताया कि चार मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी एआईसीसी महसचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी से मुलाकात करने के लिए उत्तराखंड में देहरादून गये। उन्होंने बताया कि रावत से मुलाकात के बाद उनके दिल्ली जाने की संभावना है। ये मंत्री अमरेंद्र सिंह के विरोधी बताए जाते हैं। इनके साथ करीब 24 विधायकों ने मंगलवार को यहां बैठक की और मुख्यमंत्री को हटाने की मांग करते हुए कहा कि वादे पूरे न करने को लेकर उनका ‘‘मुख्यमंत्री पर से भरोसा उठ गया है।''
उन्होंने 2015 में एक धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी किए जाने के मामले में न्याय में देरी और मादक पदार्थ गिरोहों में शामिल ‘‘बड़े लोगों'' की गिरफ्तारी जैसे चुनावी वादे पूरे न करने को लेकर मुख्यमंत्री की क्षमता पर सवाल उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी की भावनाओं से अवगत कराने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कश्मीर और पाकिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर विवादास्पद टिप्पणियां करने के लिए पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों की कड़ी आलोचना के बीच यह बैठक की।
मुख्यमंत्री बदलने की मांग ने पंजाब कांग्रेस में एक नया संकट पैदा कर दिया है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि सिद्धू की नियुक्ति के साथ कांग्रेस की प्रदेश इकाई में असंतोष को दबाने के पार्टी के हालिया प्रयास विफल रहे हैं। असंतुष्ट नेताओं के एक समूह का नेतृत्व कर रहे बाजवा ने मंगलवार को कहा था कि वे कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का समय मांगेंगे और उन्हें राजनीतिक स्थिति से अवगत कराएंगे।
उन्होंने यह भी कहा था कि ‘‘कठोर'' कदम उठाने की जरूरत है और अगर मुख्यमंत्री बदलने की आवश्यकता है तो यह भी किया जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री को हटाने की कोशिश की जा रही है, बाजवा ने पत्रकारों से कहा था कि यह कोशिश नहीं है बल्कि जनता की मांग है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में एक धारणा बन गयी है कि अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल की एक-दूसरे के साथ ‘‘मिलीभगत'' है। बाजवा, चन्नी, रंधावा और कुछ विधायकों ने मंगलवार को सिद्धू से भी मुलाकात की थी।
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