दिल्ली की अदालत का हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपिंदर तोमर को अग्रिम जमानत देने से इनकार, कहा-हम तालिबान राज्य नहीं

नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। दिल्ली की एक अदालत ने एक हिंदू संगठन के अध्यक्ष की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिस पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले नारे लगाने के आरोप हैं। कोर्ट ने कहा कि हम “तालिबान राज्य नहीं हैं।” 

हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपिंदर तोमर की याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल अंतिल ने खारिज कर दी और कहा कि अतीत में ऐसी घटनाओं के कारण सांप्रदायिक तनाव उपजा है जिससे दंगे हुए और जानमाल का नुकसान हुआ। तोमर पर आठ अगस्त को जंतर मंतर पर एक धर्म विशेष के विरुद्ध सांप्रदायिक नारेबाजी करने और युवाओं को भड़काने का आरोप है। न्यायाधीश ने 21 अगस्त को अपने आदेश में कहा, “हम तालिबान राज्य नहीं हैं। कानून का राज, हमारे बहुसांस्कृतिक और बहुलतावादी समुदाय के शासन का पवित्र सिद्धांत है। आज जब पूरा भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है तब कुछ ऐसे लोग हैं जो अब भी असहिष्णु और स्वकेन्द्रित मानसिकता में जकड़े हुए हैं।” 

अदालत ने कहा कि जो साक्ष्य उपलब्ध हैं उससे मामले में आरोपी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया स्पष्ट है और आरोपी पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। अदालत ने कहा, “इतिहास में ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है और दंगे हुए हैं। इससे आम जनता को जानमाल का नुकसान हुआ है।” अदालत में अभियोजन पक्ष ने आरोपी की याचिका का विरोध किया था और कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और चूंकि आरोपी हिंदू रक्षा दल का अध्यक्ष है इसलिए अगर इस समय उसे जमानत दे दी गई तो वह जांच को प्रभावित कर सकता है और चश्मदीदों को धमका सकता है। 

आरोपी ने अग्रिम जमानत इस आधार पर मांगी थी कि उसे पहले कभी किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया और जरूरत पड़ने पर वह जांच में सहयोग करेगा।

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