राजीव के बलिदान का इस तरह मजाक नहीं उड़ाया जा सकता : शिवसेना

राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलना एक ‘राजनीतिक खेल’ 

मुंबई/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन।  शिवसेना ने कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर हॉकी के महान खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम पर रखने का फैसला लोगों की इच्छा नहीं, बल्कि एक ‘राजनीतिक खेल' है। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में सोमवार को प्रकाशित एक संपादकीय में पूछा कि क्रिकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्या योगदान है, जो अहमदाबाद में स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया है। भारत में खेल जगत के सर्वोच्च सम्मान ‘खेल रत्न पुरस्कार' का नाम पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर था, जिसे टोक्यो ओलंपिक में पुरुष और महिला हॉकी टीम के सराहनीय प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को बदलकर ‘हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद के नाम पर रख दिया गया था। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि देशभर से नागरिकों ने उनसे खेल रत्न का नाम मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखने का आग्रह किया था। शिवसेना ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी आतंकवादी हमलों का शिकार हुए थे। नेताओं में राजनीतिक मतभेद हो सकता है, लेकिन देश के विकास के लिए उनके बलिदान का इस तरह मजाक नहीं उड़ाया जा सकता। 

संपादकीय में कहा गया, ‘मेजर ध्यानचंद का सम्मान, राजीव गांधी के बलिदान का अपमान किए बिना भी किया जा सकता था, लेकिन देश में इस तरह की परंपरा और संस्कृति समाप्त हो गई है। इससे ध्यानचंद भी स्वर्ग में दुखी हुए होंगे।' संपादकीय में दावा किया गया, ‘राजीव गांधी का नाम हटाना (पुरस्कार से) केवल राजनीतिक द्वेष है।'

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