तम्बाकू नियंत्रण : सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये का जुर्माना



बालाघाट। कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार  में तम्बाकू नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मध्यप्रदेश वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन के सम्भागीय समन्वयक नेतराज सिंह परिहार के द्वारा अधिकारियों को तम्बाकू से होने वाले गंभीर परिणामों एवं जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों, शासकीय कार्यालय, सार्वजनिक स्थान को तम्‍बाकू मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए जानकरीं दी गई।

यह कार्यशाला स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, परिवहन, सड़क, बिजली विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, नगर पंचायत, खाद्य विभाग एवं जनपद पंचायत आदि विभाग प्रमुख व अधिकारियों द्वारा तंबाकू नियंत्रण एवं कोटपा कानून प्रभावी का क्रियान्वयन करने आयोजित की गई। कार्यशाला में 80 से 90 अधिकारियों ने भाग लिया ।

कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने तम्बाकू नियंत्रण के लिए सतत रूप से कार्य करने एवं सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने वालों पर कोटपा कानून के अंतर्गत कार्रवाई करने की सलाह दी। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर तम्बाकू सेवन एवं धूम्रपान करने वालों पर भी जुर्माना करने और सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध के बोर्ड लगाने के लिए कहा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने जिले में सभी सार्वजनिक स्थानों पर जुर्माना करने हेतु जिला तम्बाकू नियंत्रण समिति को सक्रिय करने का आश्वासन दिया।

कार्यशाला में बताया गया कि तम्बाकू सेवन एवं धूम्रपान के कारण कैंसर से 12 से 13 लाख मौत भारत में हो रही है। मध्यप्रदेश वॉलंटरी हेल्थ एसोसिएशन के सम्भागीय समन्वयक नेतराज सिंह परिहार द्वारा अधिकारियों को तम्बाखू से होने वाले गंभीर परिणामों की जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से दी गई। तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा की धारा-04 के तहत 2 अक्‍टूबर 2008 से देश के सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करते पाया जाता है तो उस पर 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। 

कोटपा अधिनियम की धारा-6 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे को व उनके द्वारा किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थ को खरीदना व बेचना अपराध है। किसी भी शैक्षणिक संस्था के 100 गज (300 फीट) के दायरे में तम्बाकू बेचना अपराध है। 100 गज की दूरी को शैक्षणिक संस्था की चारदीवारी, बाड़ या बाहरी सीमा से त्रिज्या के आधार पर मापा जायेगा। कोटपा अधिनियम की धारा-7 के अनुसार प्रत्येक तम्बाकू उत्पाद पर 85 प्रतिशत मुख्य भाग पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी होना चाहिए। जिसमें केंसर के घाव का चित्र होना चाहिए और यह चेतावनी हर 12 महीने में बदली जाना है। 12 माह के बाद चेतावनी में शामिल केंसर के घाव का चित्र बदलना है।

कार्यशाला में बताया गया कि तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों को वेंडर लायसेंसिंग लेना होता है। इसके बिना तम्बाकू उत्पादों का विक्रय नहीं किया जा सकता है। तम्बाकू उत्पाद की बिक्री करने वाली दुकानों पर मुख्य रूप से बच्चों को आकर्षित करने वाली बिस्कुट, चाकलेट, चिप्स आदि नहीं बेचे जा सकते है।

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