तारीख पर तारीख : सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा-6 महीने के भीतर सुनवाई करें पूरी



केस में 78 स्थगनों पर जतायी नाराज़गी

नई दिल्ली/अक्षर सत्ता/ऑनलाइन। देहरादून की एक निचली अदालत द्वारा दिए गए 78 स्थगनों से नाराज सुप्रीमकोर्ट ने 3 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के 2014 के एक मामले में 6 महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है। यह देखते हुए कि लगभग 7 साल पहले मामले का संज्ञान लेने के बावजूद निचली अदालत मामले पर तनिक भी आगे नहीं बढ़ी है, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ ने जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि गवाहों को परीक्षण के लिए निचली अदालत में निर्धारित तारीखों पर पेश कराया जाए। 

न्यायालय ने कहा, ‘हम निचली अदालत को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए।' 

उसने कहा, ‘हमें यह निर्देश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि हमने देखा कि निचली अदालत लगभग सात साल पहले संज्ञान लेने और 78 स्थगन के बावजूद इस मामले पर जरा भी आगे नहीं बढ़ी, यहां तक कि आरोप भी तय नहीं किए गए।'

शीर्ष अदालत ने डॉ. अतुल कृष्ण की उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर 15 सितंबर को यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने मामले के जल्द निपटारे की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। 

अपील के मुताबिक याचिकाकर्ता ने 2012 में मेरठ जिले के जानी थाने में प्रतिवादियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसमें कहा गया कि 28 जून, 2014 से 15 अक्तूबर, 2020 के बीच मामले पर सुनवाई के लिए 78 तारीखें दी गईं लेकिन प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप तक तय नहीं किए गए।

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