बालाघाट : सामाजिक समरसता और भाईचारा खराब करने वालों से लोग सतर्क रहें

राजनैतिक और सामाजिक संस्थाओं के 15 प्रतिनिधियों ने की प्रेसवार्ता 





आरोप लगाने से पहले आत्मचिंतन करे जनप्रतिनिधि : नगपुरे

बालाघाट। जिले में रेत के बहाने सामाजिक समरसता और भाईचारे को खराब करने का आरोप लगाते हुए ऐसे जनप्रतिनिधियों से जिले की जनता से सावधान रहने की अपील राजनैतिक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रेसवार्ता के माध्यम से की। शहर के एक निजी हॉटल में जिले में ब्लैकमेलिंग और निज स्वार्थ के चलते सामाजिक प्रतिष्ठा और व्यवसायियों की छवि धूमिल करने वाली घटनाओं पर प्रेसवार्ता आयोजित कर अपनी-अपनी बात रखी। 

इस प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ जनप्रतिनिधि डोमनसिंह नगपुरे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामकुमार नगपुरे, सर्व ब्राम्हण समाज उपाध्यक्ष एवं साहित्यकार अनुज तिवारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं सरपंच हीराचंद आसटकर, लालबर्रा जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण मेरावी, आयोग मित्र एवं भारत दिव्यांग विशेष विद्यालय के संचालक भारत मेश्राम, आदिवासी नेता बैरागसिंह टेकाम, गोंगपा अध्यक्ष, सर्व ब्राम्हण समाज उपाध्यक्ष पं. अशोक दुबे, सामाजिक कार्यकर्ता राजू रामटेक्कर, श्याम डोंगरे, कबड्डी संघ पूर्व अध्यक्ष सुशील पॉलीवाल, बांस व्यापारी संघ संरक्षक खुशाल वैद्य, लोधी समाज प्रतिनिधि शांतिलाल नगपुरे एवं सर्व ब्राम्हण समाज प्रतिनिधि पं. अजय मिश्रा उपस्थित थे।

आरोप लगाने से पहले आत्मचिंतन करे जनप्रतिनिधि : डोमनसिंह नगपुरे
पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ जनप्रतिनिधि डोमनसिंह नगपुरे ने कहा कि बालाघाट एक शांतप्रिय जिला है, लेकिन कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के चलते जिले का शांतिप्रिय माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं। जिससे हमें समझने और सोचने की जरूरत है कि हमें किन लोगों के साथ रहना है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की एक गरिमा होती है, उसका मान-सम्मान होता है, वो ऐसा  नहीं करते हैं, वे बेशर्मी की हद पार कर रहे है। जिसके लिए सबसे पहले आत्मचिंतन की जरूरत है, उन्हें बताना होगा कि यदि वह हेलिकाप्टर से चुनाव प्रचार करते हैं तो उसका खर्च कहां से आता है, बडे-बड़े भवन और जमीन है तो वह कहां से आई, ऐसा कौन सा खजाना मिल गया, जो उन्होंने यह सब कर लिया। जिसके लिए आरोप लगाने से पहले हमें आत्मचिंतन करने की जरूरत है। प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर है, कानून व्यवस्था के लिए एसपी है और नहीं तो कोर्ट है, लेकिन इन सबको छोड़ जिस शब्दों से आप जनता को संबोधित कर रहे है, वह जनप्रतिनिधि के लिए शोभनीय नहीं है।

अराजकता और ब्लैकमेलिंग करने वालों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई : हीराचंद आसटकर
पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं सरपंच हीराचंद आसटकर ने कहा कि बालाघाट जिले में यदि नक्सली को छोड़ दिया जाये तो जिला शांति का टापू है, लेकिन जिले में लगातार असामाजिक गतिविधि बढ़ते जा रही हैं, ब्लैकमेलिंग और अराजकता फैलाने का काम कौन कर रहा है यह जिले के बुद्धिजीवी जानते हैं, हमारी मांग है कि कानून से कोई बड़ा नहीं है कोई चाहे कितना भी बड़ा हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिये, कार्रवाई होगी तो ऐसे सुधार आयेगा। जिले में अधिकारियों और व्यवसायियों को ब्लैकमेलिंग करने का काम किया जा रहा है।

सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले का विरोध करे जनता : किरण मेरावी
लालबर्रा जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण मेरावी ने कहा कि जिले में कुछ लोग सामाजिक समरसता और भाईचारे को माहौल को खराब करने पर तुले हैं, जिसके लिए जिले की जनता को एकजुटता से विरोध करने की जरूरत है, यदि कोई काम दे रहा है और उससे काम छिनने का प्रयास किया जा रहा है तो यह गलत है और हम इसका विरोध करते हैं, आज हम सभी किसी व्यक्ति विशेष या दल के लिए नहीं बल्कि जिले के भाईचारे और सामाजिक समरसता के लिए यह एकत्रित हुए हैं और इसी पैरवी कर रहे हैं।

पहले रेत चोरी होती से होती थी राजस्व की चोरी और अब सरकार को मिल रहा पूरा राजस्व : अनुज तिवारी
साहित्यकार एवं ब्राम्हण समाज उपाध्यक्ष अनुज तिवारी ने कहा कि पहले जब ठेका निश्चित खदानों का होता था, तब जगह-जगह से रेत की चोरी होती थी, आज जब एकल समूह के माध्यम से पूरा ठेका लेकर न केवल सरकार को बड़ा राजस्व मिल रहा है बल्कि हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है, तब सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। तब वे कहां थे, जब रेत की चोरी होती थी। जिले की शांति व्यवस्था को खराब करने का प्रयास निंदनीय है।

सामाजिक समरसता और भाईचारे को खत्म करने वालों का करें विरोध : रामकुमार नगपुरे
जिला पंचायत सदस्य रामकुमार नगपुरे ने कहा कि जिले में विगत कुछ समय में रेत को लेकर सामाजिक सौहार्द्र को खराब कर सामाजिक समरसता और भाईचारें को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है, हमारा मानना है कि ऐसे लोगों का हम विरोध करें, ताकि जिले में शांतिप्रिय माहौल बना रह सके।

क्यों जा रहे रेतघाट : सूरज ब्रम्हें
नरेन्द्र मोदी विचारक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज ब्रम्हें ने कहा कि जिले में और भी पूर्व जनप्रतिनिधि है, जो जनहित के मुद्दों को लेकर संघर्ष करते हैं लेकिन पूर्व सांसद कंकर मुंजारे लगातार रेत घाटों में जा रहे हैं और दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की कथनी और करनी में बहुत अंतर है, मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि वह सबसे पहले अपने लोगों को अलग करने का काम करते है और मैं स्वयं इसका भुक्तभोगी रहा हूँ, इसलिए जिले की जनता से भी अपील है कि वह जिले के सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने वाले लोगों से दूर रहे।

जनाधार खो चुके नेता दे रहे चरित्र प्रमाण पत्र : पं. अजय मिश्रा
सर्व ब्राम्हण समाज पदाधिकारी पं. अजय मिश्रा ने कहा कि जिले में अलग-अलग क्षेत्र में अपना सामाजिक महत्व एवं प्रतिष्ठा रखने वाले लोगों और व्यवसायियों की छवि धूमिल करने का काम जनाधार खो चुके वो नेता कर रहे हैं, जिन्हें जनता ने नकार दिया है और जिनकी राजनीतिक दुकान बंद हो चुकी है, जिनका जनहित और जनसमस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए तरह-तरह के घटिया एवं मिथ्या आरोप लगाकर वे जनता के बीच बने रहने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि यह सर्वविदित है कि जिले में कोरोना कॉल में ऐसे लोग गायब थे, वहीं सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ ही व्यवसाय करने वाले लोग पीड़ितोें को मदद पहुंचाने का काम कर रहे थे। हमें ऐसे लोगों से सतर्क, सावधान रहने की जरूरत है जो व्यक्तिगत हित के लिए सामाजिक समरसता और भाईचारे को बिगाड़कर जिले का शांतिप्रिय माहौल खराब करना चाहते हैं।

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