उमा भारती रिटर्न्स : शराबबंदी आंदोलन की घोषणा से राजनीतिक हलचल तेज




भोपाल। मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती की सक्रियता एक बार फिर बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं क्योंकि वो राज्य में शराबबंदी की मांग को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में है। उनके इस ऐलान ने राज्य में सियासी हलचल तेज कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बीते काफी अरसे से राज्य में शराबबंदी किए जाने की मांग कर रही हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बलात्कार, छेड़खानी, दुर्घटनाएं बीमारियां बढ़ रही है, इन सब का मुख्य कारण शराब पीना है। शराबियों की खुलेआम सड़क पर घूमने से राज्य की बहन और बेटियां सुरक्षित महसूस नहीं करती, इसलिए मध्य प्रदेश जैसे शांति प्रिय राज्य में शराबबंदी बहुत जरूरी है।

उमा भारती ने कहा है कि वे शराब बंदी के पक्ष में हैं, साथ ही भरोसा करती हैं कि राज्य सरकार शराब बंदी का फैसला करेगी। ऐसा नहीं होता है तो शराब बंदी के खिलाफ महिलाएं भी सड़कों पर उतरेगी और उनके साथ वो भी जाएंगी।

उमा भारती ने शराबबंदी की मांग को लेकर 19 अक्टूबर से अभियान शुरू करने का ऐलान किया है और वे जनवरी माह में सड़क पर उतरने की भी तैयारी में है। वे तो यह भी मानती हैं कि शराबबंदी के लिए लट्ठ की जरूरत पड़ेगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उमा भारती की राज्य की सियासत में दखल बढ़ाने में रुचि है। किसी दौर में उनके पास समर्थकांे की फौज हुआ करती थी, अब वह धीरे-धीरे कम हो रही है। यह बात वे खुद जानती है, यही कारण है कि राज्य के दौरे कर वे अपनी उपस्थिति दर्ज करा जाती है। शराबबंदी जैसा आंदेालन उनकी आधी आबादी में गहरी पैठ बना सकती है, यही कारण है कि वे अब राज्य में सबसे ज्यादा बात शराबबंदी की करती है।

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