नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के मोहताज आदिवासी -दरबुसिंह उईके।
परसवाड़ा। बालाघाट जिला मुख्यालय से 85 किमी, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ, दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के परसवाड़ा विधानसभा अंतर्गत आने वाले ग्राम डंडईझोला के छात्र-छात्राएं जिन्हें पढ़ने के लिए ग्राम नाटा स्कूलटोला जाना पड़ता है। जहां बच्चे सर पर किताबें, रखकर बिना जूट चप्पल पहने अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के लिए के लिए मजबूर हैं। ग्राम डंडईझोला में स्कूली छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों को अपनी रोजमर्रा के के काम-काज के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है। विगत दिनों एक नौनिहाल स्कूल से वापस आते समय बारिश होने से डंडाई नदी का पानी बढ़ने में छटवी कक्षा का छात्र नदी में बाह गया था, ग्रामीणों ने लगभग 100 मीटर आगे बच्चे को बचा लिया।पर इस प्रकार का खतरा बना रहता है, जिस कारण पूर्व विधायक दरबुसिंह उईके व ग्रामीणों ने नदी के किनारे में बैठकर बैठक की व प्रशासन को आवेदन देकर जल्द से जल्द पुल व सड़क निर्माण करने की मांग की। जहां ग्रामीणों ने एकमत होकर प्रशासन को 15 दिनों का अल्टीमेटम देकर कहा कि यदि 15 दिन में सड़क व पुल निर्माण को स्वीकृति नहीं मिलती तो नदी में बैठकर समस्त ग्रामवासियों द्वारा धरना दिया जाएगा। इस दौरान पूर्व विधायक दरबुसिह उईके, सोनू सिंह, अशोक पन्द्रे रतन सिंह पन्द्रे, शिवचंद्र पन्द्रे, उदय सिंह कुर्चे, प्रीतम मेरावी, भादूसिंह इनवाती, श्रीचंद्र कुर्चे, झामसिंह मर्सकोले, आलाराम मर्सकोले, रायसिंह पन्द्रे, रमेश मेरावी, पतिराम मेरावी, मनोज पन्द्रे, पतिराम मेरावी, रामू इनवाती सहित ग्रामीण बच्चे महिलाएं व पुरुष उपस्थित रहे।
छात्र दीपक कुर्चे
हम लोग लगभग 2 महीने तक बरसात बाढ़ आ जाने से स्कूल नहीं जा पाते, हमारी शिक्षा प्रभावित होती है। कभी-कभी तो पूरा भीग कर स्कूल से आना-जाना करना पड़ता है।
छात्रा नीलिमा मेरावी
ज्यादा पानी मे नदी पार करने में डर लगता है। नदी के किनारे सांप, बिच्छू के साथ जंगली सुअर भी सड़क में दिखते हैं। इसीलिए जल्द से जल्द सड़क बनाने की मांग करते हैं।
मन्नाबाई कुर्चे, ग्रामीण डंडाईझोला
जहां बच्चों के परिजन मन्नाबाई कुर्चे ने बताया कि ऐसी दुर्घटनाग्रस्त सड़क पर हमारे बच्चे जान का जोखिम डाल का स्कूल जाते हैं, गंभीर दुर्घटना का शिकार से बचे हैं सरकार द्वारा किसी प्रकार की ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
दरबुसिंह उईके (पूर्व विधायक परसवाड़ा)
क्षेत्रवासियों की दुविधा बताते हुए पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके के कहा हमारा आदिवासी वनांचल क्षेत्र जो कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है, सरकार द्वारा अरबों रुपए की संपत्ति का दोहन कर किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं कराया जा रहा है, यह वन संपदा, खनिज संपदा व कृषि आधारित इस क्षेत्र में अनेक प्रकार से राजस्व की वसूली सरकार को होती है पर सरकार विकास व मूलभूत सुविधाओं को लेकर प्रशासन संवेदनहीन है। जल्द से जल्द मार्ग का निर्माण नहीं किया तो ग्रामीणों के साथ मैं भी नदी में बैठकर कुम्भकर्णी नींद में सोए प्रशासन को जगाने धरना प्रदर्शन करूँगा।
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