मध्यप्रदेश में सबसे अधिक नाबालिगों पर हत्या के आरोप लगे : एनसीआरबी


भारत में किशोरों के अपराधों के मामलों में वृ़द्धि

नई दिल्ली। भारत में 2020 में किशोरों द्वारा हत्या की घटनाओं को अंजाम देने के मामलों में थोड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जबकि इसी आयुवर्ग में हत्या के प्रयासों में कमी देखने को मिली है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की हाल में जारी वार्षिक रिपोर्ट ‘भारत में अपराध-2020’ के मुताबकि, देश में 2019 में नाबालिगों के खिलाफ 827 हत्या के मामले दर्ज किए गए थे जबकि 2020 में 842 नाबालिगों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज किये गये।

इनमें विभिन्न राज्यों में 772, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों 70 नाबालिगों पर हत्या के आरोप लगे। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 135, महाराष्ट्र में 125 और तमिलनाडु में 104 ऐसे मामले दर्ज हुए हैं। केंद्र शासित प्रदेशों में ऐसे मामलों की संख्या सर्वाधिक 57 दिल्ली की हैं।

रिपोर्ट के मुताबकि, वर्ष 2019 में राज्यों में 750 और केंद्र शासित प्रदेशों में नाबालिगों पर 77 हत्या के मुकदमें दर्ज किये गये। दिल्ली में 72, महाराष्ट्र में 122, तमिलनाडु में 92 और मध्य प्रदेश में 84 मामले दर्ज किए गए थे।

एनसीआरबी के आंकड़ों में देश में हत्या की कोशिश के अपराध में शामिल नाबालिगों की संख्या में कमी आयी है। वर्ष 2019 में देशभर में जहां कुल ऐसे 994 मामले दर्ज किये गये थे, वहीं 2020 में 981 किशोरों पर हत्या की कोशिश के आरोप लगे।

इसके अलावा 2020 में किशोरों द्वारा हत्या के प्रयास के दर्ज मामलों में 895 राज्यों और 86 मामले केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े हुए हैं। राज्यों में सर्वाधिक 201 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किये गये। मध्य प्रदेश में 144 और राजस्थान के 104 मामले हैं जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में कुल ऐसे 86 में से दिल्ली में 77 मामले सामने आये हैं।

हत्या के प्रयास के मामलों में 2019 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 201, मध्य प्रदेश में 128 और तमिलनाडु के 100 थे। केंद्र शासित प्रदेशों के ऐसे 60 मामलों में 59 दिल्ली के थे।

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