लंदन। ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी की वरिष्ठ नेता लिसा नंदी ने पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान महात्मा गांधी व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र किया। नेता प्रतिपक्ष केर स्टार्मर की टीम की अहम सदस्य नंदी की पैदाइश ब्रिटेन में नस्ली विषय पर काम के लिए प्रसिद्ध कोलकाता में जन्मे शिक्षाविद दीपक नंदी के घर हुआ था। लेबर पार्टी के विदेश मामलों की प्रभारी (शैडो मिनिस्टर) के रूप में ब्रिगटन में पार्टी के सम्मेलन के दौरान नंदी ने भारत में अपनी जड़ों व सत्ता संघर्ष का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, 'दोस्तों, आज हम एक ऐसे शहर में मिल रहे हैं, जहां से समुद्र दिखता है। एक द्वीप जिसने प्रवासियों की लहर से आकार लिया।' नंदी ने कहा कि इनमें 1950 के आसपास भारत से आए मेरे पिता की तरह कई लोग शामिल थे, जिन्होंने नस्ली कानून के लिए संघर्ष किया।
नंदी (42) ने जोर दिया कि लेबर पार्टी की विदेश नीति के केंद्र में हमेशा लोग रहेंगे। यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत करेगी और मानवाधिकारों को बरकरार रखेगा। उन्होंने कहा, 'करीब एक सदी पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के फलस्वरूप लंकाशायर के कपड़ा श्रमिकों के लिए विनाशकारी परिणाम आए। इसने मेरे परिवार के तार भी एकसाथ पिरोए थे। मेरे दादा-दादी ने स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया था। यहां पर कपास की आपूíत बंद हुई तो मिलें चलनी बंद हो गईं और मजदूर भूखे रह गए।'
नंदी ने लंकाशायर में वर्ष 1931 में गांधी की यात्रा का हवाला देते हुए कहा, 'उन मिलों में काम करने वाले मेरे परिवार के सदस्यों ने लंकाशायर में गांधी का स्वागत किया, क्योंकि उन्हें संघर्ष का एहसास था। जैसा कि मैं जानती हूं, इस पद को संभालने वाली मिश्रित जाति की पहली महिला के रूप में यह उस एकजुटता की शक्ति है और हमारा संघर्ष एक ही है।' तटवर्ती शहर ब्रिगटन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले लेबर पार्टी के सम्मेलन को केर स्टार्मर और उनकी शीर्ष टीम के नेतृत्व के लिए एक बड़ी परीक्षा के रूप में देखा जाता है।
إرسال تعليق