बालाघाट : तीन दिवसीय आदिरंग 2021 उत्‍सव का समापन, गुदुंब बाजा नृत्‍य ने मचाई धूम



बालाघाट। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 23 से 25 अक्टूबर 2021 तक शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बालाघाट के खेल मैदान में आदिरंग उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 25 अक्टूबर को इस तीन दिवसीय आयोजन का समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में प्रतिभागी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये।

तीन दिनों के इस कार्यक्रम में विशेष संकटापन्न जनजाति समूह बैगा के पारम्परिक खेलकूद की प्रतियोगिताओं के आयोजन के अलावा जनजातीय शिल्प कलाओं के विक्रय हेतु आदिशिल्प, जनजातीय संस्कृति के परिचय कराते चित्रों पर आधारित प्रदर्शनी आदिबिम्ब, पारम्परिक जनजातीय व्यंजनों के विक्रय के लिए आदिव्यंजन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। 

कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रदेश के धार, झाबुआ, बैतूल, छिंदवाड़ा, मंडला, डिंडोरी, अनुपपुर, बड़वानी सहित 11 जिलों के जनजातीय कलाकारों ने अपनी शिल्प कलाओं एवं पारम्परिक व्यंजनों के विक्रय हेतु स्टॉल लगाये थे। विभिन्न जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुदुम बाजा नृत्य, बैगा नृत्य, कोरकू नृत्य, भगोरिया, शैला नृत्य एवं पंडवानी की प्रस्तुतियाँ दी गई।

आदिरंग-2021 के समापन अवसर पर अपर सचिव जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्‍ली से एच चिंजासों,  प्रोजेक्‍ट ऑफिसर, जनजातीय कार्य मंत्रालय नई दिल्‍ली से सुब्रत कुमार नायक, अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम, जनजातीय अनुसंधान संस्थान के संयुक्त संचालक नीतिराज सिंह, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग सुधांशु वर्मा द्वारा उत्‍सव के समापन पर दीप प्रज्‍वलन कर कार्यक्रम की शुरआत की गई ।

तीन दिन के इस आदिरंग उत्‍सव में मध्‍य प्रदेश के अन्‍य जिलों से आये आदिवासी खिलाडी व जनजातीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। आदिवासी लोक नृत्‍य को देखकर लोगों ने कलाकारों की सराहना की। कार्यक्रम के तीसरे दिन पंडवानी गायिका कलीबाई द्वारा पंडवानी, जिला अनूपपुर के कलाकारों का गुदुम बाजा नत्‍य, डिंडोरी जिले के कलाकारों द्वारा कर्मा शैला नृत्‍य, बैतूल  जिले के कलाकारों का सारपाटा झांजपाटा नृत्‍य और बिरसा से बिहाव नृत्‍य के कलाकारों ने प्रस्तुति दी गई। इस तीन दिवसीय आदिवासी उत्‍सव कार्यक्रम में गुदुम बाजा नृत्‍य ने धूम मचा दी, जिसका लोगों ने भरपूर आनंद लिया।

बड़वानी की बेंडा रोटी और साग तथा पातालकोट की रसोई लोगों को पसंद आई

तीन दिनों के इस आयोजन में बड़वानी के आदिवासी समूह द्वारा मक्का, ज्वार एवं बाजरा की बेंडा रोटी एवं सब्जी का स्टाल लगाया गया था। बगैर तेल का उपयोग किये बनाये गये इस गरमागरम व्यंजन को लोगों द्वारा बहुत पंसद किया गया और तीसरे दिन उनके स्टाल पर लोगों की भारी भीड़ रही। छिंदवाड़ा जिले की पातालकोट की रसोई भी मक्के के व्यंजन को लेकर आकर्षण का केन्द्र रही। इसके साथ ही डिंडोरी जिले की कोदो एवं कुटकी का चावल एवं बालाघाट की जीआई टैग वाली चिन्नौर भी लोगों को बहुत पसंद आयी।

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