भारत, अमेरिका ने एक सुर में कहा...आतंकवादियों की पनाहगाह न बन पाये अफगानिस्तान !




वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने को लेकर हुई संयुक्त वार्ता के समापन पर दोनों देशों ने तालिबान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादी पनाहगाह के रूप में नहीं कर पायें। भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा, आईएसआईएस/दायेश, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की।

बैठक के बाद बृहस्पतिवार को जारी एक संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि अमेरिका-भारत ने कानून प्रवर्तन, सूचना साझेदारी, श्रेष्ठ तौर-तरीकों का आदान-प्रदान करने और आतंकवाद रोधी चुनौतियों पर सामरिक अभिसरण पर सहयोग का और विस्तार करने का संकल्प किया। यहां 26 और 27 अक्तूबर को हुई दो-दिवसीय बैठक के दौरान अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों और भारत सरकार के साथ खड़े होने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का संकल्प

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प के अनुरूप दोनों पक्ष तालिबान से यह सुनिश्चित करने की मांग करते हैं कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अब कभी भी किसी देश पर हमला करने या उसे डराने के लिए, आतंकवादियों को पनाह देने अथवा प्रशिक्षण देने या आतंकवादी हमलों की योजना बनाने या उनकी आर्थिक मदद करने के लिए नहीं किया जाये।

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