ब्रसेल्स। ब्रसेल्स में रविवार को हजारों युवा और बुजुर्ग लोगों ने इस महीने से ग्लासगो में शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले दुनिया के नेताओं से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करते हुए मार्च किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने विलुप्तप्राय मछलियों और बाघों के रूप वाले परिधान पहन रखे थे।
हजारों लोगों और करीब 80 संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यूरोपीय संघ की राजधानी में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से यह सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है। महामारी की वजह से जलवायु परिवर्तन को लेकर यहां होने वाला साप्ताहिक मार्च बंद हो गया था।
साइकिल चलाने वाले, बच्चों के साथ आए परिवारों और बुजुर्ग शहर की सड़कों पर जमा हुए और अंग्रेजी, फ्रेंच और डच में लिखे बैनरों को लहराते हुए और नारे लगाते हुए जलवायु न्याय की मांग की। एक प्रदर्शनकारी ने अपने सिर पर ध्रुवीय भालू का मास्क पहन रखा और अन्य कई ने मानव जनित जलवायु परिवर्तन से खतरे में पड़े पशुओं सरीखे दिखने वाले परिधान पहन रखे थे।
प्रदर्शनकारी सेवियर डि वानेमेकर ने कहा, ‘‘इन गर्मियों में इतनी भयावह स्थिति देखने के बाद अब यह देखना वाकई महत्वपूर्ण है कि हम आगे बढ़ रहे हैं। सभी जानते हैं कि समस्या क्या है।’’
पर्यावरणविदों को इस बात की चिंता है कि 31 अक्टूबर से ग्लासगो में शुरु होने वाले सीओपी26 सम्मेलन में संबंधित पक्ष कुछ ऐसी नीतियां बना सकते हैं, जिनमें कार्बन उत्सर्जन कम करने या पृथ्वी की गर्मी को कम करने के पर्याप्त प्रावधान नहीं हों।
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