नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) की काउंसलिंग प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी, जब तक शीर्ष अदालत मौजूदा शैक्षणिक सत्र से स्नातकोत्तर अखिल भारतीय कोटा सीट (एमबीबीएस/बीडीएस और एमडी/एमएस/एमडीएस) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी को 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी अधिसूचना को दी गई चुनौती के संबंध में फैसला नहीं कर लेती।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एमके नटराज के इस आश्वासन को दर्ज किया और टिप्पणी की कि यदि काउंसलिंग प्रक्रिया तय समय के अनुसार आगे बढ़ती है, तो इससे छात्रों के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी।
कुछ नीट उम्मीदवारों की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कहा कि स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक ने जिस समय-सारणी की घोषणा की है, उसके अनुसार नीट-पीजी के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया 25 अक्तूबर से शुरू होनी है। इसके बाद नटराज ने यह आश्वासन दिया।
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