बालाघाट : जर्जर भवनों मेें तैयार हो रही है देश की शिक्षा की बुनियाद



ग्राम पंचायत खंडाफरी की माध्यमिक शाला भवन पूरी तरह से जर्जर

लांजी। कोरोना महामारी के बाद जैसे तैसे  सरकारी स्कूलों को शुरू किया गया है परंतु  इन शाला भवनों का उचित रखरखाव न किए जाने की पोल स्कूल खुलते ही खुल गई है। नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद भी जर्जर भवनों में बच्चों को बैठने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूलों के छप्पर टूटे हैं तो कहीं दीवालों के प्लास्टर उखड़े हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। तहसील मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर  खंडाफरी के सरकारी स्कूल के क्लास रूम में दरारें आ गई हैं। छत ऐसी हालत में है की कभी भी बच्चों के ऊपर गिर सकती है। स्कूल की छत पर जल भराव होने से छत की दरारों से पानी गिरने लगा है। जिससे इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जल निकासी की व्यवस्था न होने से जरा सी बारिश में स्कूल के छत पर पानी जमा हो जाता हैं। जिसके कारण  छत भी टपकने लगती हैं । यहां पढऩे वाले बच्चों को  हमेशा डर के साये मे बैठ कर पढ़ाई करना पड़ रहा  है। ग्राम खंडाफरी के स्कूल भवन की छत से सीमेंट के टुकड़े झड़ते रहते हैं] जिससे यहां पढऩे वालों बच्चों पर हमेशा खतरा बना रहता है।

कभी भी गिर सकती है जर्जर भवन की छत
ग्राम खंडाफरी स्थित सरकारी स्कूल के विद्यार्थी भय के साये में शिक्षा ग्रहण कर हैं। छात्रों के सिर पर लेंटर का मलबा टूट कर गिरता रहता है। हालात यह हैं कि कभी भी लेंटर भरभराकर गिर सकता है। जिससे गंभीर हादसे हो सकता है। भवन की इस जर्जर हालत सेे शाला के प्राचार्य व शिक्षकों ने प्रशासन से इसकी सुधार किए जाने की मांग की है। शासकीय स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हालत में है। छत से रेत का गिरना जारी है। कई बार तो फर्श भी रेत से भर जाती है। स्कूल की यह हालत मेन गेट से लेकर कमरों में बनी हैं। छात्र नीचे किताबों पर नजर रखने के बजाय ऊपर छत के लेंटर की तरफ  देखते रहते हैं। न जाने कब उखड़े लेंटर से मिट्टी या मलबा गिर जाए। कई बार मलबे के बड़े-बड़े टुकड़े भी छत से टूटकर गिर जाते हैं। ऐसे में छात्रों में भय का माहौल बना रहता है। शासन और विभाग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द भवन की मरम्मत कराए ताकि किसी बड़े हादसे को होने से पहले ही रोका जा सके।

सरपंच और विभागीय अधिकारियों को करा चुके हैं अवगत
इस संबंध में जब प्राथमिक शाला खांडाफरी के शिक्षकों ने बताया कि उनके द्वारा इस  जर्जर शाला भवन की जानकारी सरपंच और उच्च अधिकारियों को दे दी गई है । परंतु उनके द्वारा  यहां कभी आकर नहीं देखा गया। हमें भी बच्चों को पढ़ाते वक्त डर बना रहता है कि कहीं छत का टुकड़ा गिरकर बच्चों पर ना आ जाए या हम पर ना आ जाए।  हम स्वयं भी इस जर्जर शाला भवन को शीघ्र दुरूस्त कराये जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो।

इनका कहना है....
क्लास में पढ़ाई के समय हमेशा छत से कुछ न कुछ गिरने का भय बना रहता है। इसलिये आधा ध्यान पढ़ाई पर और आधा ध्यान जर्जर भवन की छत की ओर लगा रहता है। हमारी क्लास में कुल 12 बच्चे पढ़ाई करते हैं, स्कूल की मरम्मत नहीं होने के कारण हमेशा डर बना रहता है। परंतु शाला भवन की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही मुझे नहीं पता।
प्रवीण खरे, छात्र
     
हमारी माध्यमिक शाला भवन पूरी तरह जर्जर हो चुकी है । हमें यहां  बैठने में बहुत डर लगता है, छत की दरारों से पपड़ी, रेत झड़ती है। शाला के वरिष्ठ अध्यापक द्वारा इस समस्या के लिये वरिष्ठ अधिकारी को लिखित में जानकारी दे दी गई है और उनके संज्ञान में भी कई मर्तबा यह बात लाई गई है परंतु उनके द्वारा अभी तक शाला की मरम्मत नहीं कराई गई। यहां के जनप्रतिनिधियों  से भी कई बार भवन के बारे में कहा गया है लेकिन उनके द्वारा अभी तक कोई कदम इस ओर नहीं उठाया गया।
तुलसी नारनौरे, अध्यापिका खंडाफरी स्कूल

उक्त शाला भवन के संदर्भ में वहां के स्टाफ द्वारा हमे आज तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। भविष्य में वहां किसी प्रकार की कोई घटना-दुर्घटना  होती है तो उसकी पूरी जवाबदारी स्टाफ की होगी। ग्राम के सरपंच द्वारा भी यहां आकर स्थिति का जायजा नहीं लिया गया है। आज यह मामला हमारे संज्ञान में आया है, इंजीनियर को दिखाकर इस्टीमेट बनवाकर शाला भवन की मरम्मत करा दी जाएगी।
गणेश कुमार रणदिवे, सचिव   

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