इंदौर। मध्यप्रदेश में अलग-अलग ईंधन पम्पों द्वारा बड़े पैमाने पर मिलावटी पेट्रोल-डीजल बेचे जाने का खुलासा करते हुए पुलिस ने बृहस्पतिवार को अलग-अलग सस्ते तेलों के लाखों लीटर सम्मिश्रण का भंडारण पकड़ा।
पुलिस के मुताबिक पेट्रोल-डीजल में इन सस्ते तेलों की मिलावट की जा रही थी और कर चोरी के साथ किए जा रहे इस अवैध कारोबार से सरकारी खजाने को हर महीने करोड़ों रुपये का चूना लग रहा था। इस मामले का खुलासा ऐसे वक्त हुआ है, जब देश में पेट्रोल-डीजल के दाम शीर्ष स्तर पर हैं।
पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने इंदौर में बताया, “पड़ोसी धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की एक इकाई द्वारा पश्चिमी मध्यप्रदेश के अलग-अलग ईंधन पम्पों को पेट्रोल-डीजल से मिलते-जुलते सस्ते तेलों के सम्मिश्रण की आपूर्ति की जा रही थी। यह इकाई हाइड्रोकार्बन, विभिन्न तेलों और रसायनों को मिलाकर यह सम्मिश्रण बना रही थी।”
जैन ने बताया कि पीथमपुर की औद्योगिक इकाई पेट्रोल-डीजल से मिलता-जुलता सम्मिश्रण बनाने के लिए मुंबई और हजीरा (गुजरात) के बंदरगाहों से कच्चा माल बुलाती थी।
उन्होंने बताया, ‘‘पुलिस ने इंदौर जिले के किशनंगज के एक ईंधन पम्प की भूमिगत टंकी में टैंकर से खाली हो रहा 18,000 लीटर सम्मिश्रण पकड़ा है जिससे मिलावटी पेट्रोल-डीजल तैयार किया जाना था। इसके अलावा, पीथमपुर की औद्योगिक इकाई में ऐसे लाखों लीटर सम्मिश्रण का भंडारण मिला है।’’
जैन ने बताया कि पुलिस ने टैंकर चालक-सुरेश कुशवाह और औद्योगिक इकाई के कर्मचारी चंद्रप्रकाश पाण्डे को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि किशनगंज के ईंधन पम्प के साथ ही पीथमपुर की औद्योगिक इकाई को भी सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ईंधन पम्प का मालिक विजय मूंदड़ा और औद्योगिक इकाई का मालिक राकेश अग्रवाल फरार हो गए हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
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