भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के गांवों में उन परिवारों को रहने के लिए मुफ्त में जमीन देने की एक योजना की घोषणा की है, जिनके पास जमीन नहीं है ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तय किया है कि ऐसे घर जिनमें एक से अधिक परिवार रहते हैं, परिवार मतलब पति-पत्नी एवं बच्चे और यदि उनके पास रहने का कोई भू-खण्ड नहीं है तो उन्हें सरकार रहने के लिए नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनने की राह भी खुल जाएगी और बाकी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है, उसका यह अधिकार है कि रहने के लिए जमीन का एक टुकड़ा तो कम से कम उसके नाम का हो, जिस पर मकान बनाकर वह अपने परिवार-बच्चों के साथ रह सके।
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर भू-खण्ड आवंटन के दिशा-निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आवासीय भू-खण्ड प्राप्त होने पर शासकीय योजनाओं एवं बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत में पात्र परिवारों को आबादी भूमि पर आवासीय भूखंड उपलब्ध कराने की योजना शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि योजना में आबादी भूमि की उपलब्धता के संबंध में जिला कलेक्टर को अधिकार प्रदान किए गए हैं। आवंटन के लिए भूखंड का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्ग मीटर होगा। परिवार से आशय पति-पत्नी तथा उनके अविवाहित पुत्र-पुत्री होंगे। आवेदन करने के लिए वही आवेदक परिवार पात्र होंगे जो संबंधित ग्राम के निवासी हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय भूखंड प्राप्त करने के लिए आवेदन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा करना होगा।
योजना के तहत पात्र परिवारों की ग्रामवार सूची संबंधित ग्रामीणों से आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाएगी तथा इसकी समय अवधि 10 दिन से कम नहीं होगी।
पात्र आवेदकों को उपलब्धता के आधार पर पति-पत्नी के संयुक्त नाम से भू स्वामित्व का अधिकार दिया जाएगा तथा भूखंड आवंटन हेतु कोई राशि नहीं ली जाएगी।
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