बालाघाट : कर्मचारियों का हक और अधिकार देने में देरी कर रही है सरकार



संयुक्त मोर्चा के जिला स्तरीय आंदोलन में अधिकारी, कर्मचारियों ने दिखाई ताकत

बालाघाट। मध्यप्रदेश अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने को अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर सरकार को अपनी ताकत दिखाई। मोर्चा के आव्हान पर विभिन्न मांगों को लेकर एक माह तक चलाये जा रहे आंदोलन के तहत जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन, रैली और ज्ञापन आंदोलन में जिले के 35 मान्यता प्राप्त अधिकारी, कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे, जबकि अन्य संगठनों का नैतिक समर्थन प्राप्त था।

धरना प्रदर्शन कार्यक्रम बस स्टैंड में किया गया। जहां संगठन पदाधिकारियों ने सरकार पर अधिकारी और कर्मचारियों की मांगों पर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों का हक और अधिकार देने में देरी कर रही है, जिससे कर्मचारियों में सरकार को लेकर नाराजगी है, सरकार यह जान ले कि कर्मचारियों की नाराजगी से प्रदेश को सत्ता परिवर्तन भी देखने मिला है, जिसको समझकर सरकार अभी से चेत जायें, अन्यथा वह दिन दूर नहीं, जब कर्मचारी अपनी पूरी ताकत के साथ सरकार के खिलाफ खड़ा होकर उन्हें पदच्युत करने में देरी नहीं करेगा।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष सजल मस्की ने कहा कि महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि और पदोन्नति की प्रमुख मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा द्वारा लगातार सरकार से विभिन्न माध्यमों से मांगों को पूरी करने का निवेदन लंबे समय से किया जा रहा है। जिसको लेकर संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर 29 जुलाई को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर शासन के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से ध्यानाकर्षण करवाया गया था, लेकिन सरकार के रवैये से लगता है कि सरकार प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके चलते चरणबद्व आंदोलन के तहत प्रदेश सरकार को अधिकारी, कर्मचारियों की मांगों के प्रति ध्यानाकर्षण करवाने और सरकार से मांग मनवाने को लेकर संयुक्त मोर्चा पूरे एक माह से आंदोलन चला रहा है, जिसके तहत प्रथम चरण में विगत 28 सितंबर को तहसीलस्तर पर मांगों का ज्ञापन सौंपा गया था। जबकि दूसरे चरण में जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन और रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। बावजूद इसके सरकार मांगो पर विचार नहीं करती है तो आंदोलन की अगली कड़ी में 22 अक्टूबर को भोपाल में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन और 28 को सामूहिक अवकाश लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी।

उन्होंने कहा कि लगातार तीन माह से संयुक्त मोर्चा कर्मचारियों की मांगो को लेकर संघर्ष कर रहा है, जिसमें पदोन्नति, महंगाई भत्ता और पुरानी पेशन की मांग के साथ ही कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, स्थायी कर्मी, वनसुरक्षा श्रमिक, अंशकालीन कर्मचारियों के नियमितीकरण के साथ ही विभिन्न संवर्ग पुलिस, लिपिक, नर्स, पटवारी, अध्यापक की वेतन विसंगति दूर करने, शिक्षकों को पदनाम, गुरूजी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति से वरिष्ठता, अध्यापक संवर्ग को 12 वर्ष की क्रमोन्नति दिये जाने की मांग रखी गई है। जिसके बाद भी सरकार, संयुक्त मोर्चा के मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो इसके दुष्परिणाम सरकार को भोगना पड़ेगा।

जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन, रैली एवं ज्ञापन आंदोलन में जिलाध्यक्ष सजल मस्की, राकेश वर्मा, संतोष प्रधान, मुकेश उईके, तपेश ब्रम्हें, फातिमा खान, संतोष मसखरे, सुरेश शिववंशी, एस.डी. पटले, संतलाल सहारे, हरिशंकर दमाहे, आनंद कुमार मोटघरे, रितेश गेडाम, आर.के. उके, महेन्द्र नागेश्वर, आलोक चौरे, डॉ. एस.के. शर्मा, कोटवार संघ अध्यक्ष श्री गेडाम, ओंमकार गेडाम, सतीशचंद्र दुबे, कृष्ण कुमार भीमटे, बी.एल. चौधरी, जीवनलाल ढेकवार, नारायण सोलंकी, के.के. पांडे, झामेश्वर गोकुलपुरे सहित अन्य साथी बड़ी संख्या में मौजूद थे। 

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