नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने सोमवार को देश से विदाई ले ली। 1975 के बाद मॉनसून की यह सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई रवानगी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक बयान में कहा, ‘देश के अधिकतर हिस्सों में वर्षा की गतिविधि में उल्लेखनीय कमी के साथ दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून आज (25 अक्तूबर, 2021) को देश से चला गया। इसके साथ ही, निचले क्षोभमंडल स्तरों में उत्तर-पूर्वी हवाओं के बनने से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में आज पूर्वोत्तर मॉनसून की बारिश शुरू हो गई।' आईएमडी ने कहा, ‘दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 2021 की देश से रवानगी 1975-2021 के दौरान (25 अक्तूबर को या उसके बाद) सातवीं बार सर्वाधिक विलंब से हुई है।'
विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2010 और 2021 के बीच दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून 25 अक्तूबर को या उसके बाद पांच बार- 2017, 2010, 2016, 2020 और 2021 में देश से गया है। दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की 6 अक्तूबर को पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे गुजरात से रवानगी शुरू हो गई थी जो 1975 के बाद से दूसरी बार सबसे अधिक देरी से हुई रवानगी थी।
उत्तर पश्चिमी भारत से दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून आमतौर पर 17 सितंबर से विदा लेना शुरु करता है। आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 28 सितंबर, 2019 में 9 अक्तूबर, 2018 में 29 सितंबर, 2017 में 27 सितंबर और 2016 में 15 सितंबर को मॉनसून की रवानगी शुरू हुई थी।
जून से सितंबर तक सामान्य वर्षा
देश में जून से सितंबर तक चार महीने के दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के दौरान 'सामान्य' वर्षा हुई। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 2019 और 2020 में भी बारिश सामान्य से अधिक रही। पूरे देश में जून में 110 फीसदी, जुलाई और अगस्त में क्रमश: 93 और 76 फीसदी बारिश हुई। ये ऐसे महीने हैं जिनमें सबसे ज्यादा बारिश होती है। हालांकि, जुलाई और अगस्त की कमी की भरपाई सितंबर में हो गई जिसमें दीर्घकालिक औसत अवधि (एलपीए) की 135 फीसदी बारिश दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार अक्तूबर से दिसंबर तक दक्षिणी राज्यों में वर्षा लाने वाले पूर्वोत्तर मानसून के सामान्य रहने की संभावना है।
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