कार्यशाला : जागरूकता से ही दूर किया जा सकता है मानव-वन्य जीव संघर्ष



मानव-वन्य जीव संघर्ष रोकने हेतु राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का समापन 

जबलपुर। शासकीय ओ.एफ.के महाविद्यालय के प्राणिशास्त्र विभाग व विवेकानंद कैरियर सेल के संयुक्त सहयोग से वन्य जीवन पर आधारित पांच दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका विषय पृथ्वी पर सभी जीवन कैसे कायम रखे पर आधारित था। समापन सत्र के मुख्य अतिथि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के प्रो. कपिल देव मिश्र और ओ.एफ.के. महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जीपी चौरसिया ने अपने विचार रखे। 

मुख्य वक्ता डॉ. ए.बी. श्रीवास्तव पूर्व निदेशक, वन्यजीव फोरेंसिक स्कूल और स्वास्थ्य, एनडीवीएसयू, जबलपुर ने वन्यजीव स्वास्थ्य प्रबंधन में वन्यजीव रोग रोकथाम तकनीक, वन्यजीव मृत्यु कारकों का क्षेत्रिय सर्वेक्षण सम्बन्धी विभिन्न जानकारियां दीं।  शासकीय विज्ञान महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका डॉ. प्रीति खरे ने कहा कि मानव वन्य जीव संघर्ष बढ़ने से लोंगों में वन्य जीवों के प्रति नकारात्मक सोच बढ़ती है, जिसको जागरूकता से ही दूर किया जा सकता है l 

कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ. रीता भंडारी, प्राध्यापक प्राणीशास्त्र एवं आईक्यूएसी प्रभारी ने किया। अतिथि परिचय सह-संयोजक डॉ. प्रतिमा दीक्षित द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया पुणे के डॉ. सचिन रामसिंग पाटिल एवं वर्ल्ड रिकार्ड्स होल्डर जबलपुर होम साइंस कॉलेज के डॉ. अर्जुन शुक्ला रहे। 

कार्यशाला में 800 से ज्यादा प्रतिभागी पंजीकृत हुए एवं प्रत्येक दिवस विभिन्न प्रतियोगिताओं (निबंध, प्रश्नमंच, स्लोगन) का आयोजन भी किया गया। जिसमे जबलपुर समेत इंदौर, इलाहबाद, बैतूल, शहडोल, उमरिया, सतना व अन्य जिले के 335 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। विजेताओं को पुरस्कृत किया गया l कार्यक्रम में डॉ. वीणा चौबे, डॉ. आर. के रजक, डॉ. अर्चना बाजपेई, श्रद्धा खापरे, शिवानी राय उपस्थित रहीं। तकनीकी सहयोग डॉ. अर्जुन और शादाब अंसारी का रहा l

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