मृत पत्रकार के भाई का कोर्ट में दावा, उसके भाई की मौत किसानों द्वारा पीटे जाने से नहीं, गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई, ऐसे में सभी 14 आरोपी रमन की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
लखीमपुर खीरी /उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की राइफल तथा 2 अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
एक अन्य घटनाक्रम में लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन ने इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे समेत 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
पिछले 3 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं। पिछले 9 अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास, सत्य प्रकाश तथा लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर तथा रिपीटर गन बरामद की गई थी। इन हथियारों को 15 अक्टूबर को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चारों हथियारों की फॉरेंसिक जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि आशीष की राइफल समेत तीन हथियारों से गोली चलाई गई थीं। हालांकि रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोली किस वक्त चलाई गई। अंकित दास के सहयोगी सत्य प्रकाश की रिवाल्वर की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बरामद की गई राइफल आशीष की थी वहीं, पिस्तौल अंकित दास की और रिपीटर गन उसके सुरक्षाकर्मी लतीफ की थी और इन सभी से गोली चलने की पुष्टि हुई है। हालांकि इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना किया है।
इस बीच, लखीमपुर वारदात में मारे गए स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन ने मंगलवार को जिला अदालत में एक वाद दायर कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और उनके बेटे आशीष समेत 14 लोगों के खिलाफ अपने भाई की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया है। इस याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी।
पवन ने आरोप लगाया है कि उनके भाई रमन तीन अक्टूबर को तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन की कवरेज कर रहे थे, इसी दौरान अपराह्न करीब तीन बजे एक तेज रफ्तार वाहन ने उनके भाई को कुचल दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। पवन का आरोप है कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार को छोड़कर बाकी सभी अभियुक्त उस थार जीप तथा दो अन्य वाहनों में सवार थे जिनसे किसानों को कुचला गया।
पवन ने दावा किया कि एसआईटी की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि उनके भाई की मौत किसानों द्वारा पीटे जाने से नहीं बल्कि गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई, ऐसे में सभी 14 आरोपी रमन की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
पवन ने कहा कि उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। तिकोनिया इलाके में पिछले तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बहराइच के निवासी जगजीत सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह पूरा मामला केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष की सुनियोजित साजिश का परिणाम है।
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गोली चलाई जाने से बहराइच के नानपारा निवासी किसान गुरविंदर सिंह के बेटे सुखविंदर की मौत हो गई। हालांकि सुखविंदर केशव के दो बार हुए पोस्टमार्टम में उसे गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई। इस मामले में आशीष समेत अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह उस वक्त मौका-ए-वारदात पर नहीं थे।
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