नई दिल्ली। राज्यसभा की बैठक सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही मंजूरी देने के बाद दोपहर दो बज कर दस मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले, उच्च सदन की बैठक दो बार स्थगित की गई थी। उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
दो बार के स्थगन के बाद बैठक जब दोपहर दो बजे शुरू हुई तब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को सदन में पेश किया। इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। तोमर ने कहा कि सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद किसानों के कल्याण के लिए इन कानूनों को लेकर आई थी। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन दुख की बात है कि कई बार प्रयत्न करने के बावजूद वह किसानों को समझा नहीं सकी।'
तोमर ने कांग्रेस पर दोहरा रूख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल ने अपने घोषणापत्र में कृषि सुधारों का वादा किया था। उन्होंने कहा कि अब ये विधेयक वापस लिए जा रहे हैं। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई जिसके बाद दो बज कर करीब दस मिनट पर उपसभापति हरिवंश ने बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
विधेयक पेश होने के बाद उपसभापति ने उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे से संक्षिप्त में अपनी बात रखने को कहा। खडगे ने कहा कि जब इन तीनों विधेयकों को लाया गया था तब ही इनका हर वर्ग ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि किसानों ने एक साल से अधिक समय तक इन कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलन किया और 700 से अधिक किसानों ने इस दौरान अपनी जान गंवा दी। खड़गे ने कहा ‘‘इन कानूनों को वापस लेना ही था। पूरे देश में इन कानूनों के खिलाफ माहौल बन गया था।'
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