महंगे टमाटर पर कांग्रेस लाल, पूछा- देश की वित्त मंत्री जी टमाटर खाती हैं या नहीं?



नई दिल्ली। टमाटर की कीमतों में लगातार इजाफा जारी है। इसको लेकर कांग्रेस ने खास तौर पर मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस नेता अपने स्तर पर सरकार के साथ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पर भी कटाक्ष कर रहे हैं। यूपी के कांग्रेस नेता व शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने ट्वीट में पूछा है, 'देश की वित्त मंत्री जी टमाटर खाती हैं या नहीं? 

बता दें कि प्याज के बढ़ते दामों पर सीतारमण ने एक बार कहा था कि वह प्याज नहीं खाती हैं। इसको लेकर विपक्ष ने कटाक्ष करने शुरू कर दिए थे। इसी कड़ी में इमरान प्रतापगढ़ी ने सीतारमण पर व्यंग्यात्मक सवाल पूछा है।

दिल्ली में टमाटर की कीमत बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो हुई 
राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमत शुक्रवार को 75 रुपये किलो तक पहुंच गई, जबकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कीमतें नरम हुईं। हालांकि कीमत अभी भी ऊंची बनी हुई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई में, टमाटर की खुदरा कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये किलो के उच्चतम स्तर से शुक्रवार को घटकर 63 रुपये प्रति किलो रह गई। 

इसी तरह, तिरुवनंतपुरम में, कीमत उक्त अवधि में 103 रुपये किलो से घटकर 80 रुपये प्रति किलो रह गई। पुडुचेरी में शुक्रवार को टमाटर की कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये प्रति किलो से घटकर 45 रुपये प्रति किलो रह गई। हालांकि, हैदराबाद में, कीमत दो दिनों के दौरान पहले के 90 रुपये प्रति किलो से थोड़ा कम होकर 72 रुपये प्रति किलो रह गई।

बेंगलूरु में, खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत 88 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर बनी रही। पोर्ट ब्लेयर में, कीमत 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलोग्राम से शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो हो गई, जो 22 नवंबर को 63 रुपये प्रति किलो थी। हालांकि, दिल्ली में प्याज और आलू की खुदरा कीमतों में नरमी आयी है। 

खुदरा प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो और आलू 20 रुपये प्रति किलो पर चल रही थी। नवंबर के पहले सप्ताह से व्यापक तौर पर भारी बारिश के कारण दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों में टमाटर की खुदरा कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। भारी वर्षा के कारण, टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है जिससे आपूर्ति की स्थिति खराब हो गई है। यहां तक कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों से देश के अन्य हिस्सों में टमाटर की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टमाटर का औसत अखिल भारतीय अधिकतम खुदरा मूल्य शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गया, जो 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलो था। 

दो महीने बनी रह सकती है तेजी : क्रिसिल रिसर्च 
क्रिसिल रिसर्च ने शुक्रवार को कहा कि लगातार और अधिक बारिश के कारण सब्जियों की कीमतों में तेजी आई है तथा टमाटर की कीमत अगले दो महीनों तक ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती है। जमीनी स्थिति बताते हुए क्रिसिल ने कहा है कि टमाटर के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में से एक कर्नाटक में स्थिति इतनी ‘गंभीर’ है कि इस सब्जी को महाराष्ट्र के नासिक से भेजा जा रहा है। 

क्रिसिल रिसर्च ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान प्रमुख आपूर्तिकर्ता राज्य, कर्नाटक (सामान्य से 105 प्रतिशत अधिक), आंध्र प्रदेश (सामान्य से 40 प्रतिशत अधिक) और महाराष्ट्र (सामान्य से 22 प्रतिशत) में अधिक बारिश होने के कारण खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है। ये प्रमुख आपूॢतकर्ता राज्य हैं। इसने कहा है कि 25 नवंबर तक कीमतों में 142 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और मध्य प्रदेश और राजस्थान से फसल की कटाई जनवरी से शुरू होने तक दो और महीनों के लिए कीमतें अधिक बनी रहेगी। 

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