नई दिल्ली | उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जमानत देने के लिए ‘‘कठिन शर्तें’’ लगाना जमानत से इनकार करने के समान है।
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उड़ीसा उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए की जिसमें धोखाधड़ी के मामले में जमानत की मांग करने वाले एक व्यक्ति के आवेदन को अनुमति देते हुए 20 लाख रुपये की नकद जमानत राशि और 20 लाख रुपये की अचल संपत्ति की शर्त लगाई गई थी।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने 12 नवंबर के अपने आदेश में कहा, "हमारा विचार है कि जमानत देने के लिए कठिन शर्तें लगाना जमानत से इनकार करने के समान है।"
शीर्ष अदालत ने आरोपी की याचिका का निपटारा करते हुए आदेश पारित किया, जिसने अपनी जमानत अर्जी को स्वीकार करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई शर्त को चुनौती दी थी।
इसने 20 लाख रुपये की नकद जमानत राशि और 20 लाख रुपये की अचल संपत्ति की शर्त लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर दिया।
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