बरगी नगर। नर्मदा संरक्षण एवं पर्यावरण और उसके किनारे बसे आदिवासी एवं वंचित समुदाय की आजीविका बचाने 30 वर्षो से सतत संघर्षरत बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राजकुमार सिन्हा को इंडिया रिवर फोरम, दिल्ली द्वारा भगीरथ प्रयास सम्मान से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ ने जलाशय से ठेकेदारी व्यवस्था समाप्त कर विस्थापित मछुआरों को जलाशय पर अधिकार, डूब से खुलने वाली भूमि का दस वर्षीय पट्टा, वन अधिकार कानून से 3000 विस्थापित परिवार को वन भूमि का अधिकार पत्र, अधिग्रहित परन्तु डूब में नहीं आने वाली भूमि की वापसी, राजस्व ग्राम घोषित कराने जैसी अनेक सुविधा दिलाने का कार्य किया है।
यह सम्मान नमामी गंगे प्रोजेक्ट के प्रशासनिक अधिकारी राजीव रंजन मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में आनलाईन कार्यक्रम में दिया गया। यह सम्मान नदियों को बचाने एवं संरक्षित करने के लिए उत्कृष्ट कार्य एवं सतत प्रयास करने वाले संगठन या संस्था को दिया जाता है। इसका गठन 2014 में किया गया था, जिसका पहला ज्यूरी स्वर्गीय रामा स्वामी अय्यर थे।
लोगों को समर्पित किया सम्मान
सम्मान प्राप्त करने के उपरांत अपने उद्बोधन में राजकुमार सिन्हा ने कहा कि यह सम्मान बरगी विस्थापितों के पुनर्वास और नर्मदा को संरक्षित करने में शामिल सभी लोगों को समर्पित है। नर्मदा केवल एक नदी नहीं है, बल्कि यह सभ्यता, संस्कृति और आस्था का केंद्र है। इसे हर कीमत पर बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। नर्मदा की 41 सहायक नदियों की स्थिति भी दयनीय है जो नर्मदा को सदानीरा बनाये रखती है।
इस इंडिया रिवर फोरम को देश की विभिन्न नामी संस्थाओं ने मिलकर बनाया है। जिसमें अशोका ट्रस्ट फाॅर रिसर्च इन इकालाॅजी एण्ड इनवायरमेंट, इंडियन नेशनल ट्रस्ट फाॅर आर्ट एण्ड कल्चर हेरिटेज, पीस इंस्टीट्यूट, पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट देहरादून, साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डेम रिवर्स एण्ड पीपुल्स, सोसाइटी फाॅर परफार्मिंग पार्टीसीवेटीव इको सिस्टम मेनेजमेन्ट, टाॅक्सीक लिंक, वेदियम इंडिया फाउन्डेशन, डब्लू डब्लू एफ इंडिया शामिल है।
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