फोटो पत्रकार से गैंग रेप के मामले के तीन दोषियों का मृत्युदंड उम्रकैद में तबदील



मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मध्य मुंबई स्थित शक्ति मिल्स परिसर में 22 वर्षीय एक फोटो पत्रकार से गैंग रेप के मामले के 3 दोषियों को सुनाई गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदलते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वे ‘उनके द्वारा किए गए अपराधों का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा के लायक हैं।' 

जस्टिस साधना जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने विजय जाधव, मोहम्मद कासिम शेख उर्फ कासिम बंगाली और मोहम्मद अंसारी को सुनाई गई मौत की सजा की पुष्टि करने से इनकार कर दिया और उनकी सजा को उनके शेष जीवन के लिए आजीवन कारावास में बदल दिया। 

कोर्ट ने साथ ही कहा कि दोषी पैरोल या फरलो के हकदार नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें समाज में आत्मसात किए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। 2013 में घटना के समय विजय जाधव की आयु 19 वर्ष, कासिम शेख की आयु 21 वर्ष और अंसारी की आयु 28 वर्ष थी।

कोर्ट ने कहा कि ‘मृत्यु पश्चाताप की अवधारणा को समाप्त कर देती है। यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपियों को केवल मौत की सजा ही दी जानी चाहिए। वे उनके द्वारा किए गए अपराध का पश्चाताप करने के लिए आजीवन कारावास की सजा भुगतने के लायक हैं। ...दोषियों को उनके शेष जीवन के लिए आजीवन कारावाज की सजा दी जानी चाहिए। उन्हें समाज में आत्मसात नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे महिलाओं को एक वस्तु समझते हैं।'

अदालत ने खलील जिब्रान की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, ‘और उन लोगों को कैसे दंड दोगे, जिनका पश्चाताप उनके कुकर्मों से पहले से ही बड़ा है? क्या पश्चाताप भी वही न्याय नहीं है, जो उस कानून द्वारा दिया जाता है, जिसका आप खुशी से पालन करेंगे? इसके बावजूद आप निर्दोष को ग्लानि से नहीं भर सकते औैर ना ही दोषी के मन से इसे निकाल सकते हैं।'

निचली अदालत ने इन तीनों को मौत की सजा सुनाई थी, क्योंकि इन तीनों को फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार से कुछ महीनों पहले इसी स्थान पर 19 वर्षीय एक टेलीफोन ऑपरेटर के सामूहिक बलात्कार के मामले में भी दोषी ठहराया गया था।

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