कृषि कानूनों को वापसी : भाजपा की क्रूरता से विचलित नहीं हुए किसान : ममता बनर्जी



नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अथक संघर्ष करने के लिए बधाई दी और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस ‘‘क्रूरता’’ से व्यवहार किया, उससे वे विचलित नहीं हुए। बनर्जी की ये टिप्पणियां तब आयी है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। 

बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘हर उस किसान को मेरी ओर से हार्दिक बधाई जिसने अथक संघर्ष किया और भाजपा ने जिस क्रूरता से आपके साथ व्यवहार किया, उससे आप विचलित नहीं हुए। यह आपकी जीत है! उन सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं है जिन्होंने इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खो दिया।’’

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘किसानों के लंबे और कठिन संघर्ष, सभी प्रतिकूल स्थितियों के खिलाफ उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प ने भाजपा को उसकी असली जगह दिखा दी। सभी किसानों को और ताकत मिले। यह लोकतंत्र में असंतोष की असली ताकत है और मैं प्रत्येक किसान को, उनके साहस के लिए नमन करता हूं।’’ 

टीएमसी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों के अथक प्रदर्शनों के कारण कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विवश होना पड़ा और उनके सामने झुकना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने कृषि कानूनों को लेकर अहंकार दिखाया और अडिय़ल रुख अपनाया। ऐसा लगता है कि सरकार को इन कदमों पर जनता के असंतोष से डर लग रहा है। हो सकता है कि अगले साल कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए इन कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया गया हो।’’ 

माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने भी किसानों को उनकी लड़ाई के लिए बधाई दी और कहा कि यह संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हुए एकजुट आंदोलन की जीत है। पार्टी ने ट्वीट किया, ‘‘माकपा एसकेएम और लड़ रहे लाखों किसानों को बधाई देती है। एसकेएम के नेतृत्व में एकजुट किसान आंदोलन की बड़ी जीत। एकजुट लोग हमेशा विजयी होते हैं।’’ 

माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने मांग की कि पश्चिम बंगाल सरकार को कुछ साल पहले विधानसभा में पारित किए गए एक कानून में संशोधन करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम एसकेएम, एआईकेएससीसी और ऐतिहासिक किसान आंदोलन के सभी भागीदारों और समर्थकों को उनकी शानदार जीत पर बधाई देते हैं। हम मांग करते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री घोषणा करें कि संशोधित पश्चिम बंगाल प्रदेश कानून में ऐसे ही किसान विरोधी प्रावधानों को हटाया जाएगा।’’    

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