बालाघाट : पुरूष कबड्डी में ददिया और महिला कबड्डी में केशलई परसवाड़ा विजेता



बालाघाट। स्टेमिना और टेक्निक के खेल कबड्डी, ग्रामीण क्षेत्रों  में खासी लोकप्रिय है, अक्सर किसी न किसी रूप में कबड्डी खेल का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता है। 

इसी कड़ी में मगदर्रा के तुमड़ीटोला में दो दिवसीय जिला स्तरीय पुरूष, महिला कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका समापन मुख्य अतिथि कबड्डी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष राजेश पाठक की मौजूदगी और कबड्डी संघ सचिव रमेश दीक्षित, अजय मिश्रा, अनिल गुरनानी, ग्राम प्रधान श्यामसिंह चौहान, कोषाध्यक्ष हीरालाल बिलोने, पूर्व सरपंच रमेश पारधी, निर्णायक समिति भीमराज ठाकरे, श्रीराम तुमसरे, उमेश सपाटे, लव पटेल, खेमलाल वरकड़े, रीना रतनेरे सहित खिलाड़ियों और ग्रामीण खेलप्रेमी जनता की उपस्थिति में किया गया। 

आयोजक समिति ने मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों का पुष्पहार, शॉल देकर सम्मानित किया गया।

दो दिवससीय जिला स्तरीय पुरूष-महिला कबड्डी प्रतियोगिता में जिले की टीमों ने हिस्सा लिया था। जिसमें पुरूष वर्ग में 36 टीमों और महिला वर्ग में 6 टीमों के बीच फायनल मुकाबले के बीच भिड़ंत की गई। जिसमें अपने नाकआउट मैच में प्रतिद्वंदी टीमों को हराकर पुरूष वर्ग में फायनल में पहुंची वैनगंगा क्लब ददिया और ब्रम्हनी के बीच मैच खेला गया। जिस में ददिया प्रतियोगिता की विजेता रही। जबकि महिला कबड्डी का फायनल मैच गर्ल्स क्लब केशलई परसवाड़ा और महामांडव क्लब राजोबाटोला तुमड़ीटोला के बीच खेला गया। जिसमें गर्ल्स क्लब केशलई परसवाड़ा विजेता रही।

जिन्हें मुख्य अतिथि कबड्डी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिलाध्यक्ष राजेश पाठक ने  पुरूष विजेता टीम ददिया को 11001 रूपये, उपविजेता ब्रम्हनी को 7001 रूपये एवं तृतीय स्थान पर रही परसेलघाट भौरगढ़ को 4001 रूपये की राशि प्रदान की। इसी तरह महिला कबड्डी में विजेता टीम केशलई परसवाड़ा को 5001 रूपये, उपविजेता राजोबाटोला को 3001 रूपये एवं तीसरे स्थान पर रही मंडला मोहगांव को 2001 रूपये की राशि प्रदान की गई।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अध्यक्ष राजेश पाठक ने खेल और आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि गांवों में कबड्डी खेल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस उन्हें तराशने और उचित मंच देने की आवश्यकता है। यह स्टेमिना और टेक्निक का एकमात्र ऐसा खेल है, जिसमें एक खिलाड़ी भी पूरी टीम के लिए भारी साबित होता है, जबकि अन्य खेलों में पूरे खिलाड़ी खेलते हैं। जिसके प्रति सबसे ज्यादा लगाव गांवों में नजर आता है। श्री पाठक ने कहा कि जिस तरह से गांव-गांव में कबड्डी खेल के प्रति खिलाड़ियों और आयोजकों  में जुनुन, जोश और जज्बा दिखाई दे रहा है, उससे लगता है कि कबड्डी का खेल अपने पुराने गौरव को हासिल करने की दिशा में बढ़ने लगा है। हमारा भी प्रयास है कि कबड्डी के खिलाड़ियों को एक बेहतर खेल माहौल के साथ ही उन्हें प्रतियोगिता के माध्यम से आगे भेजा जायें, ताकि वह जिले, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सके।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 के बाद 2016 में जिला मुख्यालय में राज्य स्तरीय महिला कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसे इस वर्ष या आगामी वर्ष के प्रारंभिक  महीने में आयोजित करने की चर्चाओं और तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जिससे जिले के कबड्डी खिलाड़ियों को एक बेहतर अवसर मिलेगा। उन्होंने पुरूष और महिला कबड्डी टीमों के खिलाड़ियों के मैदान में किये गये प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि निश्चित ही बालाघाट की पुरूष और महिला टीमों में बेहतर खिलाड़ियों की टीम अपने विपक्षी टीमों को परास्त करने में पूरा दमखम रखती है। उन्होंने कहा कि जिले में कबड्डी के साथ ही हॉकी खिलाड़ियों को प्रेरित, प्रोत्साहित और उन्हें आगे बढ़ाने का काम जिला कबड्डी संघ एवं नेहरू स्पोर्टिंग क्लब के माध्मय से किया जा रहा है। अब वह दिन दूर नहीं जब बालाघाट में वर्षो का एस्ट्रोटर्फ का सपना साकार होगा और बड़ी टीमों का खेल हमें बालाघाट में देखने का अवसर मिलेगा। हमारा प्रयास जिले में खिलाड़ियों को खेल सुविधा दिलवाने खेल अकादमी को भी खुलवाये जाने के लिए जारी है, भविष्य में जिसके भी सुखद परिणाम हमें मिलेंगे।

Post a Comment

और नया पुराने