लोकसभा : हंगामे के कारण कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित


नई दिल्ली। कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजकर करीब 15 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। 

सुबह प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा के 12 सदस्यों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के मुद्दे को उठाते हुए शोर-शराबा किया और सदन से वाकआउट किया। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने भी तेलंगाना में किसानों से धान की खरीद नहीं किए जाने को लेकर नारेबाजी की। इस कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका। 

मंगलवार को दो बार के स्थगन के बाद जब अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पटल पर आवश्यक कागजात रखवाए। 

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश (वेतन और सेवा शर्त) संशोधन विधेयक, 2021' पेश किया। इस दौरान टीआरएस सदस्य तेलंगाना में किसानों से धान की खरीद नहीं किए जाने का मुद्दा उठाते हुए आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। 

अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘मैं सदस्यों से आग्रह करता हूं कि आप चर्चा में भाग लीजिए। आपको पर्याप्त समय दूंगा। आप सकारात्मक वातावरण में सदन चलाएं।' 

सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि सदन चले और आपको सहयोग करें। हम यहां हवा महल में रहने के लिए नहीं आते, हम चर्चा और आम लोगों के मुद्दे उठाने के लिए आते हैं। हम चाहते थे कि कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक पर चर्चा हो, लेकिन सरकार नहीं चाहती थी।' 

टीआरएस के नेता नमा नागेश्वर राव ने कहा, ‘सरकार की तरफ से तेलंगाना के किसानों की धान की खरीद नहीं की जा रही है। सरकार बोलती कुछ है और करती कुछ है। हम चाहते हैं कि सरकार की तरफ से इस पर जवाब दिया जाए।'  

बिरला ने टीआरएस के सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाएं ताकि आगे सदन चल सके। नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने अपराह्न तीन बजकर करीब 15 मिनट पर कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 

इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे पुन: सदन की बैठक शुरू हुई तो तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संबंधी विधेयक लाने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबे के कारण कार्यवाही पुन: करीब एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। 

पीठासीन सभापति ए. राजा ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप सीटों पर जाकर बैठेंगे तभी अपनी बात रख सकेंगे। आपको बोलने का समान अवसर दिया जाएगा।' 

शोर-शराबा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने कार्यवाही करीब पांच मिनट बाद अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।  

सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, वैसे ही विपक्षी सदस्य अपनी बात रखते हुए शोर-शराबा करने लगे। व्यवस्था बनते नहीं देख बिरला ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद अपराह्न 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी। 

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