इंदौर। सर्राफा कारीगरों के तय समय सीमा में कोरोना टीके की दूसरी खुराक न लेने पर प्रशासन ने सात सर्राफा प्रतिष्ठानों को सील कर दिया। ये प्रतिष्ठान पश्चिम बंगाल मूल के लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं।
अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अक्षय सिंह मरकाम ने बताया कि प्रशासन की जांच में पाया गया कि शहर के सात सर्राफा प्रतिष्ठानों के कुल 15 कर्मचारियों ने तय समय सीमा बीतने के बाद भी महामारी रोधी टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है।
उन्होंने बताया, ‘‘हमने पश्चिम बंगाल मूल के सर्राफा उद्यमियों के एक स्थानीय संगठन के पदाधिकारियों से भी अनुरोध किया था कि वे अपने कारीगरों को टीके की दूसरी खुराक जल्द से जल्द लगवाएं। इसके बावजूद संबंधित कारीगरों ने टीके की दूसरी खुराक नहीं ली।"
एसडीएम ने बताया, ‘‘आम लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हमने सातों सर्राफा प्रतिष्ठानों को सील कर दिया है। इन्हें दोबारा खोलने की अनुमति तभी दी जाएगी, जब इनके मालिक अपने सभी कर्मचारियों के पूर्ण टीकाकरण के प्रमाणपत्र हमारे सामने पेश कर देंगे।’’
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में पात्र आयु वर्गों के 30.30 लाख लोगों को महामारी रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है और इनमें शामिल 22.48 लाख लोग टीके की दूसरी खुराक भी ले चुके हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, जिले में करीब छह लाख लोग तय समय सीमा बीतने के बावजूद दूसरी खुराक लेने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर नहीं पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 की पिछली दो लहरों से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। हालांकि, टीकाकरण का दायरा बढ़ने के बाद इन दिनों जिले में महामारी के बेहद कम नये मामले सामने आ रहे हैं।
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