मड़ई मेले के आयोजन में गंगा जमुनी तहजीब की परंपरा निभा रहा बरगी के मनकेड़ी का मुस्लिम परिवार



बरगी नगर/जबलपुर। अपनी गंगा जमुनी तहजीब की परंपरा का निर्वहन करते हुए 100 वर्ष से भी अधिक की परंपरा को समेटे हुए मनकेड़ी ग्राम का मुस्लिम मालगुजार परिवार आज भी प्रसांगिक और आपसी प्रेम भाईचारे के सटीक उदाहरण के रूप में क्षेत्र में जाना जाता है l 

105 वर्ष से निभा रहे भाई दूज की परंपरा
बरगी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम मनकेड़ी के ग्राम प्रमुख हफीज मालगुजार ने जानकारी देते हुए बताया कि भाई दूज के अवसर पर उनके आजा पुरखों स्वर्गीय खुदा बख्श तथा स्वर्गीय शेख अहमद मालगुजार के समय की परंपरा का निर्वहन आज भी उनका परिवार कर रहा है। भाई दूज को ग्राम में चंडी मड़ई मेले का आयोजन इस वर्ष भी 105 वे साल के रूप मनकेड़ी में मनाया गया। 

मालगुजार परिवार के फिरोज खान और अफरोज खान ने बताया कि भाई दूज की चंडी मड़ई के लिए आसपास के दर्जनभर से अधिक ग्रामों मनकेड़ी, हरदुली, बिजोरा, रीमा, चौरई, नयागांव, सहजपुरी, टेमर को पारंपरिक हल्दी चावल तथा सुपारी भेजकर निमंत्रित किया जाता है। मेला स्थल पर आवश्यक साफ-सफाई तथा साज सज्जा की जाती है। 

पीढ़ियां निभा रहीं परंपरा
मालगुजार परिवार के डॉ. शेख राजू खान और रफीक खान ने बताया कि भाई दूज वाले दिन शाम को चंडी लगने के पूर्व मनकेड़ी ग्राम की स्थानीय अहीर ग्वाल टोली और चंडी माता के पूजन अर्चन के लिए पारंपरिक सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। स्थानीय पहुआ को बतौर स्वागत पान भेजे जाते हैं।  

अपने घर से नाचते गाते मृदंग की थाप पर झूमते अहीर नृत्य करते हुए ग्वालटोली मालगुजार के घर पहुंचते हैं। वहां से मालगुजार परिवार को अपने साथ लेकर सभी चंडी मेला स्थल पर आते हैं। जहां पर ग्राम का बैगा और मालगुजार परिवार और ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा चंडी माता की पूजा अर्चना की जाती है।  मड़ई को ब्याहने के बाद मंच पर सभी एकत्रित होते हैं । वहां से मालगुजार परिवार के द्वारा सभी आसपास के गांव से आने वाले मेहमान महुआ अहीर ग्वालटोली यों को पान खिला कर स्वागत किया जाता है। मनमोहक नृत्य पर ग्राम प्रमुख हफीज मालगुजार द्वारा बतौर बख्शीश नगद राशि से पुरस्कृत किया जाता है। 

इस अवसर पर ग्राम के सूरज आदिवासी, शाहना आदिवासी, दिमाग प्रसाद ,डोमारी लाल झारिया, संतोष मसराम, डोमारी सोनी, रामाधार, वैशाखु  आदिवासी, कृपाल आदिवासी, कृष्ण आदिवासी, विमल नेताम और सभी लोगों के  विशेष सहयोग से कार्यक्रम संपन्न होता है। 

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