'उन लाखों किसानों की जीत है जो कीरत करते हैं, अहंकार का सिर नीचा हुआ'



नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में पहली बार अध्यादेश के रूप में लाए गए सभी तीन किसान-विरोधी, कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के फैसले की घोषणा की तो किसानों ने इसका स्वागत किया। 

उन्होंने गुरु नानक जयंती के अवसर पर यह घोषणा करने का निर्णय लिया। संयुक्त किसान मोर्चा इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि है  उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। 

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि श्री गुरुनानक देव जी ने कहा कि कीरत करो यानी ईमानदारी से कमाकर खाओ और ये उन लाखों किसानों की जीत है जो कीरत करते हैं। आंदोलन में 700 किसानों ने बता दिया कि उसे इतिहास के कूड़े में डाल सकते वह इतिहास का हिस्सा है। आज अहंकार का सिर नीचा हुआ है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि  कानून रदद् होते हैं तो यह भारत में एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत होगी। हालांकि, इस संघर्ष में करीब 700 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी हत्याकांड समेत, इन टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार की  जिद जिम्मेदार है।

मोर्चा सदस्यों ने कहा प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाना चाहते हैं कि किसानों का यह आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की कानूनी गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। इसी तरह बिजली संशोधन विधेयक को भी वापस लिया जाना बाकि है। एसकेएम सभी घटनाक्रमों पर संज्ञान लेकर, जल्द ही अपनी बैठक करेगा और यदि कोई हो तो आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा।

Post a Comment

और नया पुराने