नई दिल्ली। मध्य प्रदेश उपचुनाव के नतीजों से अब राज्य सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना कम से कम कुछ समय के लिए टल सकती है। खंडवा लोकसभा को बनाए रखना और तीन में से दो विधानसभा क्षेत्रों में जीत से मुख्यमंत्री चौहान की पार्टी और राज्य में स्थिति मजबूत हुई है। वहीँ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे कई भाजपा के कई नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
भगवा पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि उपचुनावों में अनुकूल परिणाम आने के बाद चौहान को तुरंत नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत की है और जमीनी स्तर पर काम किया। सूत्रों ने कहा, मुख्यमंत्री चौहान निस्संदेह मध्य प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेता या चेहरा हैं। यह जानते हुए कि उपचुनाव महत्वपूर्ण होंगे और मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए निर्णायक भूमिका निभाएंगे, चौहान ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रयास किए। अब परिणाम उनकी लोकप्रियता और कड़ी मेहनत को दिखा रहे हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उपचुनाव के नतीजों ने मुख्यमंत्री का कार्यकाल बढ़ा दिया है। यह ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब हाल ही में उत्तराखंड में तीर्थ सिंह रावत और गुजरात में विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश सरकार में जल्द ही कोई बदलाव नहीं होने वाला है।
भाजपा ने तीन विधानसभा क्षेत्रों में से दो और राज्य में एकमात्र खंडवा लोकसभा सीट जीती है, जहां 30 अक्टूबर को उपचुनाव हुए थे और वोटों की गिनती 2 नवंबर को हुई थी।
भाजपा ने कांग्रेस के गढ़, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की। हालांकि, कांग्रेस भाजपा के गढ़ रायगांव में जीत हासिल करने में सफल रही। लगभग 90 प्रतिशत आदिवासी आबादी वाले जोबट की जीत ने 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले दलित और आदिवासी लोगों को पार्टी के करीब लाने के उद्देश्य से भाजपा के बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम को बढ़ावा दिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने इन तीन विधानसभा और एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक रैलियों को संबोधित किया था, जहां उपचुनाव हुए थे। उन्होंने पृथ्वीपुर में अधिकतम आठ और जोबट में न्यूनतम पांच जनसभाएं कीं। उन्होंने खंडवा लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों पर भी 17 रैलियां कीं।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी का दावा है कि चौहान जनता के बीच इतने लोकप्रिय हैं कि भाजपा की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाना सबसे बड़ी मूर्खता होगी। उन्होंने कहा, राज्य में कई बड़े नेता हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की लोकप्रियता के बराबर कोई नहीं है।
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