त्रिपुरा हिंसा : सुप्रीम कोर्ट ने UAPA के तहत आरोपी बनाए गए वकीलों और पत्रकार की गिरफ्तारी पर लगाई रोक



नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को दो वकीलों मुकेश कुमार और अंसार इंदौरी और पत्रकार श्याम मीरा सिंह के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। इन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। हाल ही में त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ 'लक्षित हिंसा' के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील मुकेश और अनसारुल हक और पत्रकार श्याम मीरा सिंह की याचिका पर अगरतला पुलिस को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को यूएपीए के तहत बुक किए गए वकीलों मुकेश कुमार, अंसारुल हक अंसारी और पत्रकार श्याम मीरा सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत नागरिक समाज के तीन सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के मामले में उनके विरुद्ध कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का राज्य पुलिस को बुधवार को निर्देश दिया । नागरिक समाज के इन सदस्यों में एक पत्रकार भी शामिल है। हाल में पूर्वोत्तर राज्य में आगजनी, लूटने और हिंसा की घटनाएं देखी गयी। यह हिंसा बांग्लादेश से आ रही उन खबरों के बाद हुई कि वहां ईशनिंदा के आरोपों पर 'दुर्गा पूजा' के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला किया गया।

पत्रकार और वकीलों को उनके सोशल मीडिया पोस्ट और त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर रिपोर्ट करने के लिए यूएपीए लगाया था। त्रिपुरा पुलिस ने राज्य में हालिया हिंसा के बारे में कथित रूप से विकृत और आपत्तिजनक सामग्री फैलाने के आरोप में 102 ट्विटर खातों के खिलाफ यूएपीए भी लगाया था। वकील राज्य में हुई हिंसा के बारे में फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा थे।

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