राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक महिला को दुष्कर्म का झूठा मामला दर्ज कराना महंगा पड़ गया है। न्यायालय ने महिला को 10 साल की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार, लगभग 13 साल पहले जीरापुर थाने में एक महिला ने चार लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान महिला ने दुष्कर्म न होने की बात कही और मामला आपसी विवाद का बताया तेा द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीष राघवेंद्र श्रीवास्तव ने आरोपियों केा दोष मुक्त करते हुए महिला को 10 साल की सजा सुनाई।
बताया गया है कि वर्ष 2008 में महिला ने जीरापुर थाने में चार लोगों के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की थी। इस मामले की न्यायालय में सुनवाई के दौरान महिला अपने आरोपों से पलट गई और उसने शिकायत की वजह जमीन विवाद बताया। न्यायालय ने महिला को अपना पक्ष रखने का दो बार मौका दिया, मगर महिला ने दुष्कर्म की वारदात से इंकार कर दिया।
महिला द्वारा दुष्कर्म की बात नकारे जाने के बाद आरोपियों को दोष मुक्त कर महिला पर अभियोग चलाया। इसके बाद महिला को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा और दो हजार का अर्थदंड लगाया हैं।
जीरापुर के थाना प्रभारी जे एस मंडोविया ने बताया है कि जब महिला ने रिपोर्ट लिखाई थी तब दो लोगों की गिरफ्तारी हुई थी और बाद में दो पर कार्रवाई हुई। बाद में महिला साक्ष्य नहीं दे पाई। न्यायालय ने महिला को 10 साल की सजा सुनाई है।
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