मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल 23 और 24 फरवरी को



नई दिल्ली। केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने अगले साल संसद के बजट सत्र के दौरान 23 और 24 फरवरी को देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल का नारा ..‘लोग बचाओ और देश बचाओ...होगा। किसान आंदोलन की सफलता के बाद श्रमिक संगठनों में लड़ने का जोश देखते हुए यह हड़ताल का ऐलान किया गया है। 

एक संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र क्षेत्रीय अखिल भारतीय महासंघों तथा संघों के संयुक्त मंच की तीन दिसंबर, 2021 को दिल्ली में बैठक हुई और संसद के बजट सत्र के दौरान 23-24 फरवरी, 2021 को देशव्यापी दो दिन की आम हड़ताल की तारीखों को अंतिम रूप दिया गया। यह कदम केंद्र की भाजपा सरकार की जनविरोधी, मजदूर विरोधी और राष्ट्र विरोधी विनाशकारी नीतियों के खिलाफ 11 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय श्रमिक सम्मेलन में की गयी घोषणा के अनुरूप है।’’ 

बयान में कहा गया है कि हड़ताल का नारा ..‘लोग बचाओ और देश बचाओ...होगा।  संयुक्त मंच में केंद्रीय श्रमिक संगठन... इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिंदमजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन), एआईयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लॉयड वुमेन एसोसिएशन), एआईसीसीटीयू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियनन्स), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन) और यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) शामिल हैं।  

बयान में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के ‘मिशन यूपी’, ‘मिशन उत्तराखंड’ के आह्वान को मजबूत करने के लिए एसकेएम के साथ समन्वय कर विशेष रूप से 2022 की शुरुआत में चुनाव वाले राज्यों में संयुक्त जनसभाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।’’ 

श्रमिक संगठनों और महासंघों के संयुक्त मंच ने कृषि कानूनों के निरस्त किये जाने के बाद, एसकेएम के कार्यक्रमों और संघर्षों को पूर्ण समर्थन देने की बात दोहरायी है। 

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