बालाघाट। भारत के सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े मुफ्ती और धर्मगुरू असजद रजा कादरी का 3 जनवरी को बालाघाट आगमन हो रहा है, यहां पर वे अंजुमन शॉदी हॉल में आयोजित तहफ्फुजे शरीअत कॉन्फ्रेस में शामिल होंगे। इनके साथ देश के अन्य मुस्लिम धर्मगुरू भी बालाघाट पहुंच रहे हैं।
बालाघाट में आगामी 3 जनवरी को अंजुमन इस्लामिया एवं जमात रजा ए मुस्तफा तथा तमाम अहले सुन्नत वल जमात की कमेटियों के तत्वाधान में एक दिवसीय तहफ्फुजे शरीअत कॉन्फ्रेस आयोजित की गई है। समाज में फैली अशिक्षा को दूर कर बेहतर शिक्षा का विकास को लेकर कॉन्फ्रेंस में चर्चा धर्मगुरू की मौजूदगी में की जायेगी। जहां विस्तार से धर्मगुरू विस्तार से तकरीर देंगे।
हाजी शोएब खान ने बताया कि आयोजन के माध्यम से हर जिलों में एक विशेष शिक्षण संस्थान को खोला जाना है, चूंकि इससे पूर्व महाराष्ट्र के रामटेक, प्रदेश के सिवनी, छिंदवाड़ा में विशेष शिक्षण संस्थान खोला जा चुका है, जिसके बाद अब बालाघाट में विशेष शिक्षण संस्थान खोला जाना है।
उन्होंने बताया कि सबसे बड़े मुफ्ती और धर्मगुरू असजद रजा कादरी, मुस्लिमों में शिक्षा को बढ़ावा देने में हमेशा प्रयासरत रहते हैं, जिनका मानना है कि हर मुस्लिम शिक्षित हो, तभी वह अपने दायित्वो और अधिकार को समझ सकेगा। जिसके लिए मुस्लिम बिरादारी में शिक्षा का माहौल तैयार करना जरूरी है। जिसकी शुरूआत महाराष्ट्र और प्रदेश के अन्य जिलों में खोले गये विशेष शिक्षण संस्थान से धर्मगुरू कर चुके हैं। इसी महान उद्देश्य को लेकर आगामी 3 जनवरी को उनका बालाघाट आगमन हो रहा है। जिनके आगमन पर एक बड़े जलसे का आयोजन अंजुमन शॉदी हॉल में किया गया है। जहां उनके साथ ही देश के अन्य मुस्लिम धर्मगुरू भी शामिल होंगे और अपनी-अपनी तकरीर से समाज में शिक्षा की अलख जगाने का काम करेंगे। इसके साथ ही महिला शिक्षण पर कॉंफ्रेस में फोकस होगा। जिसको लेकर भी धर्मगुरू अपने विचार रखेंगे।
आगामी 3 जनवरी को आयोजित तहफ्फुजे शरीअत कॉन्फ्रेस जिले के सभी सामाजिक बंधुओं, महिलाओं से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील अंजुमन इस्लामिया, जमात रजा ए मुस्तफा, रजा एक्शन कमेटी, मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी, गुलशने आला हजरत कमेटी, ईमान तंजीम, मुस्लिम वेलफेयर एंड कल्चरल सोसायटी सहित तमाम अहले सुन्नत वल जमात की कमेटियों ने की है।
إرسال تعليق