बच्चों की पसंदीदा भाषा में तैयार हों विज्ञान और गणित विषय की पाठ्य पुस्तकें


नई दिल्ली। ज्ञानार्जन को सुखद एवं आकर्षक बनाने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आने वाले समय में विज्ञान एवं गणित में ‘द्विभाषी पाठ्य पुस्तकें' तैयार करने के प्रस्ताव पर विचार करेगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शिक्षा, महिला, बाल एवं युवा मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति को यह जानकारी दी। समिति की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई थी।

विभाग ने कहा कि शोधकर्ताओं ने यह बताया है कि जिस भाषा में बच्चा सबसे अधिक सहज रहता है, उसका उपयोग करने से बच्चे के पठन पाठन के परिणामों में सुधार होता है और इसी के अनुरूप नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय सामग्री के साथ पाठ्य पुस्तकों की सिफारिश की गई। रिपोर्ट के अनसार, क्षेत्रीय भाषाओं में सरल उदाहरण एवं श्रेणीबद्ध सामग्री के साथ पुस्तक उपलब्ध कराना ज्ञानार्जन को सुखद और आकर्षक बनाता है।

विभाग ने बताया कि वर्तमान में एनसीईआरटी हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू माध्यम में पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन करती है तथा अन्य विषयों की पाठ्यपुस्तकें राज्यों द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार तैयार की जाती हैं। शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी के रणनीति दस्तावेज के अनुसार, मध्यमिक शिक्षा पर राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफएसई) को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर साल 2023 तक विकसित किया जायेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा से विषयों एवं सुझाव को लेगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, एनसीईआरटी के निदेशक ने समिति को बताया कि इतिहास की पाठ्य पुस्तकों सहित सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों पर भी चर्चा प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी पाठ्य पुस्तकें दृष्टांतों, तस्वीरों, मानचित्रों आदि से भरपूर होंगी तथा चित्र एवं गतिविधियां आयु/वर्ग के उपयुक्त होंगी। ए

नसीईआरटी के निदेशक ने समिति को बताया कि सभी पाठ्य पुस्तके प्रिंट और डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध होंगी जिसमें अतिरिक्त डिजिटल सामग्री के साथ त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड शामिल होंगे।

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