संरक्षण से देश में बाघों की आबादी बेहतर होने की उम्मीद : पर्यावरण मंत्रालय


नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि देश में बाघों की आबादी को खराब स्थिति से बेहतर होने की सुनिश्चित राह पर लाया गया है। यह बात प्रत्येक चार वर्ष में आने वाली अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट से भी स्पष्ट होती, जिसमें छह प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दिखाई गई है।

मंत्रालय का यह बयान मध्य प्रदेश में हाल में हुई बाघों की मौत के बाद आया है।

इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के माध्यम से सरकार के प्रयासों के कारण, ‘‘बाघों की आबादी को खराब स्थिति से बेहतर होने की सुनिश्चित राह पर लाया गया है, जो 2006, 2010, 2014 और 2018 में आयी चार वर्षीय अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट के निष्कर्षों में स्पष्ट है।’’

इसमें कहा गया है कि इन परिणामों ने बाघों की वार्षिक वृद्धि दर को छह प्रतिशत दिखाया गया है, जो प्राकृतिक नुकसान की भरपाई करता है।

मंत्रालय ने कहा कि 2012 से 2021 के दौरान, कोई भी यह देख सकता है कि देश में प्रति वर्ष औसत बाघों की मृत्यु लगभग 98 है, जो कि वार्षिक रूप से बाघों की संख्या बढ़ने के अनुपात के हिसाब से संतुलित है।

एक खबर का हवाला देते हुए कि बाघों की मौत के 126 मामलों में से 60 बाघों की मौत अप्राकृतिक कारणों जैसे अवैध शिकार, दुर्घटनाओं, संरक्षित क्षेत्रों के बाहर मानव-पशु संघर्ष के कारण हुई थी। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि एक विस्तृत विवरण के बाद ही मौत के कारण का पता लगा सकता है।

मंत्रालय ने कहा कि ‘‘यह उम्मीद की जाती है कि मीडिया देश को उपरोक्त तथ्यों से अवगत कराएगा ताकि कोई सनसनी न फैले।’’ मंत्रालय ने कहा कि कुछ खबरों में वर्ष 2021 के दौरान बाघों की मौत को इस तरह से उजागर किया गया है जैसे ‘‘देश में बाघ संरक्षण का एकतरफा दृष्टिकोण’’ है।

मंत्रालय ने दोहराया कि एनटीसीए ने अवैध शिकार को नियंत्रित करने के लिए ‘बाघ परियोजना’ के तहत कई कदम उठाए हैं और खबरों में ‘‘देश में बाघों की मौत से निपटने में जाने वाली प्रक्रियाओं की व्यापकता’’ को ध्यान में नहीं रखा गया है।

एनटीसीए के अनुसार, 2021 में भारत में 126 बाघों की मौत हुई है। इस साल मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 44 बाघों की मौत हुई। इसके बाद महाराष्ट्र में 26 और कर्नाटक में 14 बाघों की मौत हुई।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बुधवार को एक बाघ मृत पाया गया था, जिससे राज्य में इस साल मरने वाले बाघों की संख्या 44 हो गई है। खबरों के मुताबिक, दो दिन पहले राज्य के डिंडोरी इलाके में कथित तौर पर जहर खाने से एक बाघिन की मौत हो गई थी।

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