लोक एवं निजी संपत्ति के नुकसान एवं वसूली संबधी विधेयक मध्य प्रदेश विधानसभा में पारित



भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में ‘मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण व नुकसानी की वसूली विधेयक-2021’ पारित हो गया है।

इस विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल की मंजूरी मिलने के बाद राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा और उसके बाद कानून लागू हो जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलने पर मध्य प्रदेश इस तरह का कानून बनाने वाला उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के बाद तीसरा भाजपा शासित राज्या होगा।

इस कानून के अमल में आने के बाद आंदोलन एवं प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लोगों एवं संगठनों से नुकसान की वसूली की जाएगी।

इस विधेयक को प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्षी दलों के विरोध के बीच पटल पर रखा था और आज इस पर चर्चा होनी थी, लेकिन इससे पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव को लेकर सर्वसम्मति से पारित संकल्प पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को सदन में बोलने की अनुमति नहीं देने को लेकर हंगामा करके बहिर्गमन किया।

इसी हंगामे एवं बहिर्गमन के दौरान यह विधेयक सहित पांच विधेयक आठ मिनट के अंदर बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित हो गये और इसके बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बाद में मिश्रा ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए इस विधेयक के बारे में कहा, ‘‘यह विधेयक आज विधानसभा से पारित हो गया है। शासकीय, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को विरोध प्रदर्शन, जुलूस या सांप्रदायिक दंगे के दौरान नुकसान पहुंचाने वाले अब कानून के दायरे में आ गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज एक पलायन वाली सोच सदन में दिखी। सदन में हंगामा करना और हर चर्चा से भागना कांग्रेस की पलायनवादी सोच को दिखाता है।’’

मिश्रा ने कहा, ‘‘जिस विषय पर स्थगन आ चुका हो, जिस विषय पर स्थगन पर चर्चा हो चुकी हो, जिस विषय पर अध्यक्ष की व्यवस्था आ चुकी हो, उस विषय पर भी हल्ला करना समझ नहीं आया। लगातार रोज प्रश्नकाल को बाधित करना, ये विपक्ष की सोची समझी रणनीति है, क्योंकि ये चर्चा से भागते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष ने प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानकर्षण प्रस्ताव एवं विधेयकों पर भी चर्चा नहीं की।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘आखिर यह कैसा विपक्ष है? ऐसा अकर्मण्य और नाकारा विपक्ष मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा। यह विपक्ष जनहित के मुद्दों को उठाता ही नहीं है।’’

मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सदन बाहुबल से नहीं बुद्धि बल से चलता है। उन्होंने कहा कि इस हंगामे के बीच वर्ष 2021-22 का करीब 1971.94 करोड़ रूपये का द्वितीय अनुपूरक बजट भी पारित हो गया।

इससे पहले प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण के बगैर त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव न कराये जाने संबंधी संकल्प को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया और इसके बाद जैसे ही अध्यक्ष ने सदन की आगे की कार्यवाही शुरू की, इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा, ‘‘अभी आपने कहा था कि आप बाद में मुझे इस संकल्प पर बोलने का मौका देंगे।’’

इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नहीं, अब हो गया है।’’ इसके बाद अध्यक्ष ने आज की दैनिक कार्य सूची में शामिल विधेयकों को पारित करवाने की आगे की कार्यवाही जारी रखी।

इससे नाराज होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया और इसी बहिर्गमन एवं हंगामे के बीच, निजी संपत्ति के नुकसान एवं वसूली संबधी विधेयक सहित पांच विधेयक ध्वनमत से पारित हो गये और बाद में अध्यक्ष ने दोपहर 12.42 बजे सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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