मानवाधिकार आयोग : मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों की रोशनी जाने पर बिहार सरकार को नोटिस



नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाल में मुजफ्फरपुर में एक अस्पताल में हुई मोतियाबिंद सर्जरी के बाद कथित तौर पर कुछ मरीजों की आंखें निकाले जाने संबंधी खबरों को लेकर बिहार सरकार को नोटिस भेजा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि उसने मीडिया में आई एक खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है कि 22 नवंबर को मुजफ्फरपुर नेत्र अस्पताल में हुई मोतियाबिंद सर्जरी के बाद ''श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में छह रोगियों की आंखें निकालनी पड़ीं।''

बयान में कहा गया है यदि मीडिया में आईं खबरें सही हैं तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा है।

आयोग ने कहा, ''चिकित्सा नियमों के अनुसार एक डॉक्टर अधिकतम 12 सर्जरी कर सकता है, लेकिन इस मामले में डॉक्टर ने 65 रोगियों की सर्जरी की। ''

आयोग ने पाया कि इस तरह "चिकित्सा नियमों का उल्लंघन कर लापरवाह तरीके से" आंखों की सर्जरी करना "गंभीर चिंता का मामला" है।

बयान में कहा गया है कि आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

आयोग ने कहा कि एक दिसंबर को मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक ज्यादातर मामलों में, "मरीजों का कॉर्निया बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और इस बात की संभावना है कि संक्रमण उनके मस्तिष्क तक पहुंच सकता है।"

बयान के अनुसार, "छह मरीजों की हालत बहुत गंभीर है। अस्पताल के अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की और जांच होने तक जिला प्रशासन या राज्य के स्वास्थ्य विभाग को सूचित नहीं किया।''

आयोग ने कहा, "अधिकारियों ने मुजफ्फरपुर नेत्र अस्पताल में गतिविधियों को रोक दिया है और एसीएमओ के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम मामले की जांच कर रही है।

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