भोपाल। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने पंचायत चुनाव कराने के लिए हाल ही में जारी अध्यादेश को वापस ले लिया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार ने कहा है कि प्रस्ताव राज्यपाल मंगूभाई पटेल को भेजा गया है। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी को 22 फीसदी आरक्षण देने पर विचार कर रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ओबीसी आरक्षण को लेकर बैठक की। बैठक के दौरान पंचायत चुनाव में आरक्षण तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट लागू करने के तरीके पर चर्चा की गई। इस उद्देश्य के लिए सांख्यिकीय डेटा एकत्र किया जाएगा।
अन्य राज्यों की रणनीति पर भी सरकार की नजर है। मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत पिछले महीने जारी अपने अध्यादेश को रविवार को निरस्त कर दिया एवं संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी के वास्ते राज्यपाल के पास भेजे जाने को मंजूरी दी।
राज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाने के बाद सरकार मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को सभी वर्गों के इन चुनावों को निरस्तीकरण के लिए निर्देश दी सकती है, जिससे ये चुनाव टल जाएंगे। वर्तमान में प्रदेश में पंचायती चुनावों की प्रक्रिया चल रही है। पिछले महीने राज्य की भाजपा सरकार कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा 2019 में तय परिसीमन और आरक्षण रोटेशन की प्रक्रिया को रद्द करने के लिए यह अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश के आधार पर 2014 के परिसीमन और आरक्षण रोटेशन के अनुसार पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरू की गई थी।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्त्मम मिश्रा एवं प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘आज मंत्रिमंडल ने पंचायत चुनाव अधिनियम के तहत जारी अध्यादेश को निरस्त कर इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजे जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य की त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव के लिए अगले साल छह जनवरी, 28 जनवरी और 16 फरवरी को मतदान तीन चरणों में होने हैं, लेकिन 17 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश निर्वाचन आयाग को स्थानीय निकाय में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया रोकने और उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए फिर से अधिसूचित करने का निर्दश दिया।
उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय भोपाल जिला पंचायत के अध्यक्ष कांग्रेस नेता मनमोहन नागर की याचिका पर आया था। नागर ने अदालत में कहा था कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण रोटेशन और परिसीमन पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसके बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में बगैर ओबीसी के आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं कराए जाने का संकल्प बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से पारित भी किया गया।
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